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एपीडा द्वारा कृषि प्रशिक्षण

12 Jul, 2022

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में एपीडा ने छात्रों के लिए कृषि प्रदर्शनियों तथा कृषि प्रशिक्षण का आयोजन किया, यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति का हिस्सा है।

मुख्य बिंदु :-

  • छठी कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के 150 से अधिक छात्रों ने एपीडा प्रवर्तित बासमती निर्यात विकास फाउंडेशन ( BEDF ) के प्रशिक्षण फार्म, जो उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के मोदीपुरम में स्थित है, पर प्रशिक्षण में हिस्सा लिया तथा धान की खेती के मूलभूत तत्वों की जानकारी प्राप्त की।
  • छात्रों ने तीन विभिन्न दिनों में प्रशिक्षण फार्म का दौरा किया तथा पडलिंग, प्रत्यारोपण, प्रसंस्करण, उत्पादन तथा निर्यात प्रक्रिया जैसी धान की खेती के मूलभूत तत्वों को सीखा।
  • छात्रों ने धान से चावल बनाने की प्रक्रिया, भूसी को अलग करना, चिड़वा बनाना, निर्यात के प्रयोजन वाले चावल का उत्पादन तथा चावल से तेल निकालना और पशुओं के लिए चारा जैसे कार्यकलापों की भी जानकारी प्राप्त की।
  • इसके अतिरिक्त, BEDF वैज्ञानिकों ने उन्हें बासमती उत्पादन की प्रक्रिया, प्रसंस्करण, भंडारण, व्यवसाय की मात्रा तथा निर्यात गतिविधियों के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने हरित खाद फसलों सहित मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रबंधन भी सीखा तथा मूंग बीन और सेसबनिया सहित दाल की फली में नोड्यूल्स का अनुभव किया और खेत में बासमती फसल का प्रत्यारोपण किया।
  • एपीडा अध्यक्ष डॉ. अंगमुथु ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना तथा चावल उत्पादन से लेकर निर्यात तक की समस्त मूल्य श्रृंखला की उनकी समझ को भी बढ़ाना तथा सरकार के प्रयासों की सहायता करना था।
  • उन्होंने जानकारी दी कि देश के अन्य हिस्सों में भी कृषि उत्पादन प्रणालियों के बारे में व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करने के लिए छात्रों के ऐसे ही प्रक्षेत्र दौरे किए जाएंगे।
  • NEP के उद्देश्य के अनुरुप, कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण ( एपीडा ) ने कौशल को परिमार्जित करने तथा छात्रों, स्टर्ट-अप्स एवं अन्य लोगों के बीच धान की खेती का व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करने के लिए कृषि प्रदर्शनियों तथा कृषि प्रशिक्षण का आयोजन किया।
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अनुसार, संस्थानों को सिद्धांतात्मक ज्ञान देने की जगह व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करने तथा कौशल विकास पर विशेष जोर देने को कहा गया है।
  • BEDF के माध्यम से एपीडा राज्य सरकारों को बासमती चावल की खेती के संवर्धन में सहायता कर रही है। जागरूकता सृजन कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को जानकारी दी गई कि बासमती चावल की खेती एक भारतीय परंपरा है और इस परंपरा को बनाये रखना एक सामूहिक जिम्मेदारी है क्योंकि वैश्विक बाजार में बासमती चावल की भारी मांग है।
  • किसानों से खुद को राज्य कृषि विभाग के माध्यम से basmati.net पर पंजीकृत करने का आग्रह किया गया है। BEDF के माध्यम से एपीडा राज्य सरकारों को बासमती चावल की खेती के संवर्धन में सहायता कर रही है।
  • इन पहलों के हिस्से के रूप में, BEDF ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर तथा दिल्ली के चावल निर्यातक संगठनों, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों तथा राज्य कृषि विभागों के सहयोग से सात राज्यों में उच्च गुणवत्तापूर्ण बासमती चावल उगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए 75 जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया है।
  • BEDF बासमती चावल उगाने वाले प्रमुख राज्यों में विभिन्न एफपीओ, निर्यातक संगठनों आदि में तकनीकी साझीदार है।
  • भारत ने पिछले तीन वर्षों में लगभग 12 बिलियन डॉलर का निर्यात किया है। वित्त वर्ष 2021-22 में, भारत ने 3.54 बिलियन डॉलर के मूल्य के बासमती चावल का निर्यात किया। वित्त वर्ष 2021-22 में, भारत से लंबे दाने वाले सुगंधित चावल के कुल निर्यात में सऊदी अरब, ईरान, इराक, यमन, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका, कुवैत, ब्रिटेन, कतर तथा ओमान की लगभग 80 प्रतिशत की हिस्सेदारी रही है।

क्या है एपीडा?

  • कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (Agricultural and Processed Food Products Export Development Authority-APEDA) की स्थापना दिसंबर 1985 में संसद द्वारा पारित कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण अधिनियम के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा की गई।
  • यह प्राधिकरण, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है।
  • देश के कृषि उपज के निर्यात के लिये बुनियादी संरचना उपलब्ध कराने के अतिरिक्त इसके प्रमुख कार्यों में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देना, किसानों को बेहतर फसल और उनके उचित मूल्य की प्राप्ति सुनिश्चित करने के लिये मार्गदर्शन देना, वित्तीय सहायता प्रदान करना, कृषि उपज का सर्वेक्षण तथा संभावना का अध्ययन करना तथा अनुसूचित उत्पादों के निर्यात से संबद्ध उद्योगों का विकास करना भी शामिल हैं।

Source - PIB

 

Nirman IAS (Surjeet Singh)

Current Affairs Author