Assam Rifles

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असम राइफल्स.

25 Mar, 2023

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में असम राइफल्स ने अपना 188वां स्थापना दिवस मनाया, केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने शिलांग में मुख्य अतिथी के रूप में इस समारोह को संबोधित किया।

मुख्य बिंदु :-

  • डोनर, संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने आज शिलांग में मुख्य अतिथि के रूप में असम राइफल्स के 188वें संस्थापना दिवस समारोह को संबोधित किया।
  • असम राइफल्स की 1835 से बहादुरी की अद्वितीय विरासत रही है और उसे सबसे अधिक संख्या में वीरता पुरस्कारों से सम्मानित होने का गौरव हासिल है।
  • उल्लेखनीय है की देश की सुरक्षा के लिए असम राइफल्स के सभी रैंकों को काफ़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, इसलिए उनका कल्याण भारत सरकार के लिए सर्वोपरि हैI इस संबंध में सरकार ने आयुष्मान भारत, रेल और हवाई टिकट बुकिंग सुविधा और ई-आवास पोर्टल जैसी कई कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की है जो सरकार की सैनिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है I
  • असम राइफल्स द्वारा स्थानीय नागरिकों हेतु सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत चिकित्सा शिविर, महिला सशक्तिकरण योजनायें, राष्ट्रीय एकता यात्राएं और अन्य गतिविधियाँ चलाई जा रही हैंI
  • असम राइफल्स ने सरकार के वृक्षारोपण अभियान के तहत वनीकरण में बड़े पैमाने पर प्रयास किये हैं और अब तक उसने लगभग 31 लाख पेड़ लगाये हैं जो कि गृह मंत्रालय के अधीन सभी बलों में सबसे ज्यादा है

असम राइफल्स के बारे में-

  • असम राइफल्स गृह मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत आने वाले केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) में से एक है।
  • यह बल भारतीय सेना के साथ मिलकर पूर्वोत्तर में कानून व्यवस्था के रख-रखाव के अलावा भारत-म्याँमार सीमा की रक्षा भी करता है। प्रशासनिक और प्रशिक्षण स्टाफ के अलावा असम राइफल्स के पास 63,000 से अधिक सैनिक और कुल 46 बटालियन हैं।
  • असम राइफल्स का गठन वर्ष 1835 में कछार लेवी नामक एक एकल सैन्यबल के रूप में पूर्वोत्तर भारत में शांति स्थापित करने के उद्देश्य से किया गया था।
  • कुछ समय बाद इस सैन्य बल को वर्ष 1870 में कुछ अतिरिक्त बटालियनों के साथ असम सैन्य पुलिस बटालियन में परिवर्तित कर दिया गया। इसमें लुशाई हिल्स बटालियन, लखीमपुर बटालियन और नागा हिल्स बटालियन शामिल थे। प्रथम विश्वयुद्ध से ठीक पहले इसके तहत एक और बटालियन, डारंग बटालियन को जोड़ा गया था।
  • प्रथम विश्वयुद्ध के बाद इन बटालियनों का नाम बदलकर असम राइफल्स कर दिया गया।
  • वर्ष 1962 में चीनी आक्रमण के बाद असम राइफल्स बटालियन को सेना के संचालन नियंत्रण में रखा गया था।
  • असम राइफल्स का मुख्यालय मेघालय के शिलांग में स्थित है।

Note

  • असम राइफल्स का प्रशासनिक नियंत्रण गृह मंत्रालय के पास है, जबकि परिचालन नियंत्रण रक्षा मंत्रालय के पास है।
  • इसका अर्थ है कि असम राइफल्स के लिए वेतन और बुनियादी सुविधाएँ गृह मंत्रालय द्वारा प्रदान की जाती है, परन्तु, इसके कर्मियों की तैनाती, पोस्टिंग, स्थानांतरण और प्रतिनियुक्ति का निर्णय भारतीय सेना द्वारा लिया जाता है।

Source - PIB

Nirman IAS Team

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