Kaziranga Project

Daily News

काज़ीरंगा परियोजना

06 Dec, 2022

चर्चा में क्यों ?

भारत की काज़ीरंगा परियोजना पर फ़्रांस द्वारा सहयोग प्रदान किया जा रहा है।

मुख्य बिंदु :-

  • काजीरंगा परियोजना वन और जैव विविधता संरक्षण (APFBC) पर एक बड़ी असम परियोजना का एक हिस्सा है, जिसके लिए फ़्रांस के एजेंस फ्रांसेइस डे डेवलपमेंट (AFD) ने 2014-2024 के बीच 10 साल की अवधि के लिए €80.2 मिलियन का वित्त पोषण किया है।
  • असम सरकार ने AFD के समर्थन से वर्ष 2012 में वन पारिस्थितिक तंत्र को बहाल करने, वन्यजीवों की रक्षा करने और वन-निर्भर समुदायों की आजीविका बढ़ाने के लिये APFBC की शुरू किया।
  • इस परियोजना में वर्ष 2024 तक 33,500 हेक्टेयर भूमि के पुनर्वनीकरण और वैकल्पिक आजीविका में 10,000 समुदाय के सदस्यों के प्रशिक्षण की अवधारणा शामिल की गयी है।

काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के बारे में

  • काजीरंगा, भारतीय राज्य असम के गोलाघाट, कार्बी आंगलोंग और नागांव जिलों में एक राष्ट्रीय उद्यान है।
  • यह उद्यान एक सींग का गैंडा (भारतीय गेंडा) के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है, जहां दुनिया की दो-तिहाई गैंडों की आबादी पार्क में रहती है। ।
  • इस पार्क की स्थापना 1905 में आरक्षित वन क्षेत्र के रूप में की गई थी। 1950 में इसका नाम बदलकर काजीरंगा वन्यजीव अभयारण्य कर दिया गया।
  • वर्ष 1974 में, भारत सरकार ने इस क्षेत्र को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया।  1985 में, यूनेस्को ने इस पार्क को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया। 2006 में, भारत सरकार ने पार्क को टाइगर रिज़र्व घोषित किया।
  • काजीरंगा को बर्डलाइफ इंटरनेशनल द्वारा पक्षियों के लिए महत्व के क्षेत्र के रूप में नामित किया गया है। सर्दियों में यहाँ साइबेरिया से कई मेहमान पक्षी भी आते हैं।
  • काजीरंगा पशु और पक्षियों के संरक्षण में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है। पार्क में एक सींग वाले भारतीय गैंडे, जंगली एशियाई जल भैंस और बारह सींग वाले पूर्वी दलदल हिरण की दुनिया की सबसे बड़ी आबादी यहाँ की विशेषता है ।
  • गौरतलब है की हिमालय का पूर्वी भाग वनस्पतियों और जीवों की काफी विविधता के साथ एक जैव विविधता वाले हॉट-स्पॉट के रूप में जाना जाता है।
  • हालाँकि इस दलदली भूमि का धीरे-धीरे ख़त्म होते जाना एक गंभीर समस्या है। काजीरंगा में विभिन्न प्रजातियों के बाज, विभिन्न प्रजातियों की चीलें और तोते आदि भी पाये जाते हैं।

Source – Indian Express

 

Nirman IAS (Surjeet Singh)

Current Affairs Author