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चटगांव और मोंगला बंदरगाहों को इस्तेमाल करने संबंधी समझौते को लागू करने से पहले प्रायोगिक परीक्षण

01 Aug, 2022

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में आई जानकारी के अनुसार कोलकाता बंदरगाह पड़ोसी देश बांग्लादेश के चटगांव और मोंगला बंदरगाहों को भारत में व्यापार के लिए इस्तेमाल करने संबंधी समझौते को लागू करने से पहले चार प्रायोगिक परीक्षण करेगा। 

मुख्य बिंदु :-

  • इस पहल से भारत बांग्लादेश प्रोटोकाल मार्ग के माध्यम से अंतर्देशीय जलमार्गों पर व्यापार प्रवाह को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। कोलकाता बंदरगाह को अब श्यामा प्रसाद मुखर्जी (एसएमपी) बंदरगाह के नाम से जाता है।
  • एसएमपी के एक अधिकारी ने बताया कि मार्च में हुई 13वीं भारत-बांग्लादेश संयुक्त सीमा शुल्क समूह (जेएससी) की बैठक के बाद प्रायोगिक परीक्षण करने का निर्णय लिया गया। यह भी निर्णय लिया गया कि जहाज बांग्लादेश और भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों दोनों के लिए माल ले जा सकते हैं। 
  • एसएमपी के अध्यक्ष के अनुसार हमें प्रायोगिक परीक्षण करने के लिए कहा गया है और इसे छह महीने के भीतर पूरा किया जाना है।
  • सभी गंतव्य बांग्लादेश में हैं। परीक्षण मोंगला से तामाबिल (बांग्लादेश के सिलहट में एक पहाड़ी क्षेत्र), तामाबिल से चटगांव, चटगांव से शेओला, और मोंगला से बीबीरबाजार मार्गों तक किए जाएंगे।
  • मोंगला-तामाबिल और मोंगला-बीबीरबाजार (कुमिला में भूमि बंदरगाह) मार्गों पर परीक्षण के लिए मालवाहक पोत 30 जुलाई को कोलकाता से रवाना होगा।
  • इन दो प्रायोगिक परीक्षणों के लिए मेर्सक लाइन इंडिया ने एसएमपी के साथ साझेदारी की भारत-बांग्लादेश प्रोटोकाल मार्ग के माध्यम से कोलकाता बंदरगाह से भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में माल की आवाजाही न केवल पारगमन लागत और समय को कम करेगी बल्कि अर्थव्यवस्था को विकसित करने में भी मददगार होगी। 

Source – IE

 

Nirman IAS (Surjeet Singh)

Current Affairs Author