Cheetah Rehabilitation

Daily News

चीता पुनर्वास

17 Feb, 2023

चर्चा में क्यों ?

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने 18 फरवरी, 2023 को 12 चीतों को दक्षिण अफ्रीका से भारत लाने की घोषणा की है। इन चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में स्थानांतरित किया जाएगा।

मुख्य बिंदु :-

चीता पुनर्वास परियोजना

  • भारत में चीता पुनर्वास परियोजना का लक्ष्य भारत में व्यवहार्य चीता मेटापॉपुलेशन स्थापित करना है, जो चीता को एक शीर्ष शिकारी के रूप में अपनी कार्यात्मक भूमिका निभाने की सुविधा देता है और चीता को उसकी ऐतिहासिक सीमा के भीतर विस्तार के लिए जगह प्रदान करता है, जिससे उसके वैश्विक संरक्षण के प्रयासों में योगदान मिलता है।
  • इस संबंध में भारत सरकार ने नामीबिया के साथ जी2जी परामर्शी बैठकें शुरू कीं। इस पहल के परिणामस्वरूप चीता संरक्षण के लिए 20 जुलाई, 2022 को दोनों देशों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए।
  • इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बाद एक पहले वन्य से वन्य अंतरमहाद्वीपीय ऐतिहासिक स्थानान्तरण के रूप में 17 सितंबर, 2022 को आठ चीतों को नामीबिया से भारत लाया गया। इन चीतों को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने क्वारंटाइन बोमास में छोड़ दिया।
  • अनिवार्य क्वारंटाइन अवधि के बाद इन चीतों को चरणबद्ध तरीके से बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया है। सभी आठ अलग-अलग चीते प्राकृतिक व्यवहार, शरीर की स्थिति, गतिविधि पैटर्न और समग्र फिटनेस के मामले में अच्छी स्थिति में हैं। सभी चीते अच्छा स्थिति में हैं और जंगली जंतुओं का शिकार कर रहे हैं।

परियोजना का उद्देश्य -

चीता पुनर्वास परियोजना के प्रमुख उद्देश्य हैं:

  • अपनी ऐतिहासिक सीमा के भीतर सुरक्षित आवासों में प्रजनन करने वाली चीता की आबादी स्थापित करने और उन्हें मेटापॉपुलेशन के रूप में प्रबंधित करना
  • खुले जंगल और सवाना प्रणालियों को बहाल करने के उद्देश्य से संसाधनों को इकट्ठा करने के लिए चीता को एक करिश्माई प्रमुख और अम्ब्रेला प्रजाति के रूप में उपयोग करना, जो इन इकोसिस्टम्स से जैव विविधता और वातावरण सेवाओं को लाभान्वित करेगा
  • स्थानीय सामुदायिक आजीविका को बढ़ाने के लिए पर्यावरण-विकास और पर्यावरण-पर्यटन के आगामी अवसर का उपयोग करना
  • मुआवजे, जागरूकता और प्रबंधन की कार्रवाई के माध्यम से चीता संरक्षण क्षेत्रों के भीतर चीता या अन्य वन्यजीवों द्वारा स्थानीय समुदायों के साथ किसी भी टकराव को तेजी से प्रबंधित करना

हर वर्ष करना होगा पुनर्वास

  • भारत में चीता पुनर्वास कार्य योजना के अनुसार कम से कम अगले 5 वर्षों के लिए अफ्रीकी देशों से हर साल 10-12 चीतों का स्थानांतरण करने की जरूरत है। इस संबंध में चीता संरक्षण के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत सरकार दक्षिण अफ्रीका के साथ साल 2021 से द्विपक्षीय वार्ता कर रही थी। यह वार्ता जनवरी, 2023 में दक्षिण अफ्रीका के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुई।
  • इस समझौता ज्ञापन के प्रावधानों के तहत 18 फरवरी, 2023 को 12 चीतों (7 नर, 5 मादा) की पहली खेप को दक्षिण अफ्रीका से भारत स्थानांतरित किया जाएगा।
  • दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को ग्वालियर और उसके बाद हेलीकाप्टरों के माध्यम से कूनो राष्ट्रीय उद्यान में स्थानांतरित करने का काम भारतीय वायु सेना द्वारा किया जाएगा।
  • अंतर महाद्वीपीय स्थानांतरण अभ्यास के दौरान चीता विशेषज्ञों, पशु चिकित्सकों और वरिष्ठ अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल चीतों के साथ जाएगा।
  • भारत में आगमन के बाद सभी 12 चीतों को अनिवार्य क्वारंटाइन अवधि को पूरा करने के लिए कूनो राष्ट्रीय उद्यान में विशेष रूप से बनाए गए बाड़ों में रखा जाएगा और इनकी गहन निगरानी की जाएगी।
  • चीता पुनर्वास पर भारत की महत्वाकांक्षी परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए कूनो राष्ट्रीय उद्यान में 20 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय चीता विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों, पशु चिकित्सकों और वन अधिकारियों के साथ एक परामर्शी कार्यशाला की योजना बनाई गई है।
  • इस कार्यशाला के परिणाम बेहतर चीता प्रबंधन का रास्ता दिखाएंगे और भारत में चीता की मेटापॉपुलेशन को सफलतापूर्वक स्थापित करने में सहायता करेंगे।
  • दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों, पशु चिकित्सकों, मध्य प्रदेश सरकार, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और स्थानीय समुदायों के सक्रिय समर्थन व भागीदारी के साथ चीता परियोजना की सफलता के बारे में भारत सरकार आशान्वित है।

Source - PIB

Nirman IAS (Surjeet Singh)

Current Affairs Author