खाड़ी सहयोग देशों में मोटा अनाज निर्यात को बढ़ावा
25 Feb, 2023
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने खाड़ी सहयोग देशों (जीसीसी) मोटा अनाज के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए लुलु हाइपरमार्केट के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए
मुख्य बिंदु :-
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खाड़ी सहयोग देशों (जीसीसी) में मोटा अनाज की निर्यात संभावनाओं का फायदा उठाने के लिए भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के तहत काम करने वाली कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने 21 फरवरी, 2023 को लुलु हाइपरमार्केट एलएलसी के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
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एपीडा का उद्देश्य लुलु समूह, जो एक अंतरराष्ट्रीय रिटेल हाइपरमार्केट श्रृंखला है और बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, भारत और सुदूर पूर्व में स्टोर और शॉपिंग मॉल संचालित करती है, के सहयोग से दुनिया भर में मोटे अनाज के उत्पादों और मूल्य वर्धित उत्पादों को बढ़ावा देना है ।
समझौते के बारे में
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समझौते के अनुसार, लुलु समूह मोटे अनाज उत्पादों के लिए प्रचार से जुड़ी गतिविधियों की सुविधा प्रदान करेगा और किसान उत्पादक संगठनों, किसान उत्पादक कंपनियों, महिला उद्यमियों और स्टार्टअप से मोटे अनाज, इसके मूल्य वर्धित उत्पादों, रेडी-टू ईट उत्पादों को प्राप्त कर दुनिया भर के सामने रखने में देश की सहायता करेगा।
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एपीडा उत्पाद निर्माताओं को मोटा अनाज उत्पादों के विभिन्न नमूनों को लुलु हाइपरमार्केट में भेजने की सुविधा प्रदान करेगा, जिन्हें इसके विभिन्न स्टोरों पर प्रदर्शित किया जाएगा।
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एपीडा, लुलु समूह के सहयोग से विभिन्न आयातक देशों की आवश्यकता के अनुसार उत्पादों की लेबलिंग में भी सहायता प्रदान करेगा।
मोटा अनाज को बढ़ावा -
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अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष (आईवाईओएम) 2023 के प्रचार के लिए कार्यक्रमों की अपनी श्रृंखला के एक भाग के रूप में, एपीडा 16 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों में मोटा अनाज के लिए निर्यात प्रोत्साहन गतिविधियों का आयोजन कर रहा है जिसमें गल्फूड 2023 भी शामिल है।
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भारत ने अप्रैल-नवंबर 2022-23 के दौरान 4.605 करोड़ डालर के मोटा अनाज का निर्यात किया है और यूएई भारतीय मोटे अनाज का प्रमुख आयातक देश है।
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समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने से एपीडा को 2025 तक के लिए तय किए गए 10 करोड़ डालर के मोटा अनाज और इसके मूल्य वर्धित उत्पादों के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पश्चिम एशियाई देशों में मोटे अनाज और इसके मूल्य वर्धित उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने की रणनीति में मदद मिलेगी।
विभिन्न देशो में प्रचार -
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एपीडा ने दक्षिण अफ्रीका, जापान, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया, सऊदी अरब, सिडनी, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका में कुछ महत्वपूर्ण फूड शो, ग्राहक विक्रेता बैठकें और रोड शो में भारत के विभिन्न हितधारकों की भागीदारी की सुविधा प्रदान करने के द्वारा मोटा अनाज के लिए प्रचार गतिविधियों को आयोजित करने की भी योजना बनाई है।
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भारतीय मोटे अनाज के प्रचार के हिस्से के रूप में, एपीडा ने मोटे अनाज और इसके मूल्य वर्धित उत्पाद को विभिन्न वैश्विक प्लेटफार्मों जैसे कि फूडेक्स, सियोल फूड एंड होटल शो, सऊदी एग्रो फूड, सिडनी (ऑस्ट्रेलिया) में फाइन फूड शो, बेल्जियम के फूड एंड बेवरेजेज शो, जर्मनी का बायोफच और अनुगा फूड फेयर, सैन फ्रांसिस्को का विंटर फैंसी फूड शो आदि में प्रदर्शित करने की योजना बनाई है।
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यह अनुमान लगाया गया है कि मोटा अनाज का बाजार 9 अरब डालर से अधिक के अपने वर्तमान बाजार मूल्य से बढ़कर 2025 तक 12 अरब डालर से अधिक का हो सकता है।
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सरकार रेडी टू ईट (आरटीई) और रेडी टू सर्व (आरटीएस) श्रेणी जैसे नूडल्स, पास्ता, ब्रेकफास्ट सीरियल्स मिक्स, बिस्कुट, कुकीज, स्नैक्स, मिठाइयां आदि में मूल्यवर्धित उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप्स को भी आगे ला रही है।
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डीजीसीआईएस के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में मोटे अनाज के निर्यात में 8.02% की वृद्धि दर्ज की, इस दौरान मोटे अनाज का निर्यात पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान 147,501.08 मीट्रिक टन के मुकाबले 159,332.16 मीट्रिक टन था।
खाड़ी सहयोग देश के बारे में
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खाड़ी सहयोग देश (जीसीसी) छह मध्य पूर्वी देशों - बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और यूएई का एक राजनीतिक और आर्थिक गठबंधन है
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इसकी स्थापना 1981 में आर्थिक सहयोग, एकीकरण और सामूहिक सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए की गई थी।
Source - PIB
Nirman IAS (Surjeet Singh)
Current Affairs Author