First meeting of the Environment and Climate Sustainability Working Group

Daily News

पर्यावरण और जलवायु स्थिरता कार्य समूह की पहली बैठक

10 Feb, 2023

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में पर्यावरण और जलवायु स्थिरता कार्य समूह (ईसीएसडब्ल्यूजी) की पहली बैठक बेंगलुरू में इकोसिस्टम बहाली और जैव विविधता संवर्धन पर आयोजित चर्चा के साथ शुरू हुई

मुख्य बिंदु :-

  • जी-20 शेरपा ट्रैक के तहत पर्यावरण और जलवायु स्थिरता कार्य समूह (ईसीएसडब्ल्यूजी) ने 9 फरवरी 2023 को बेंगलुरू में अपनी पहली बैठक की।
  • इस बैठक में इस पर चर्चा हुई कि भारत की अध्यक्षता की विषयवस्तु वसुधैव कुटुम्बकम्- एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य, कैसे प्राकृतिक संसाधनों के स्वामित्व की भावना से न्यासधारिता (ट्रस्टीशिप), टिकाऊ जीवन शैली, समावेश और सार्वभौमिक एकता की ओर एक मौलिक मानसिक बदलाव में सहायता कर रही है।
  • इस सत्र के दौरान जी-20 देशों के प्रतिनिधियों ने खनन और जंगल की आग प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति सामान्य करने को लेकर अपने अनुभवों और सर्वश्रेष्ठ अभ्यासों को साझा किया।
  • इस तीन दिवसीय ईसीएसडब्ल्यूजी कार्यक्रम का पहला सत्र भविष्य, जहां विश्व प्रकृति के साथ सद्भाव में रहता है, को आकार देने के उद्देश्य से सभी प्रतिनिधियों के बीच एक समृद्ध संवाद स्थापित करने की आशा के साथ समाप्त हुआ।
  • अगले दो दिनों में जी-20 के सदस्य ईसीएसडब्ल्यूजी की चिह्नित तीन प्रमुख प्राथमिकताओं पर विचार-विमर्श करेंगे।
  • प्रतिनिधियों को बेंगलुरू में कालकेरे अर्बोरेटम और बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान स्थल ले जाया जाएगा। इन प्रतिनिधियों को कालकेरे अर्बोरेटम में कर्नाटक के चार प्रमुख वन इकोसिस्टम को अनुभव करने का अवसर प्राप्त होगा।
  • इन इकोसिस्टम में अपनाए गए वन बहाली (रेस्टॉरेशन) मॉडल और इन क्षेत्रों में जीव जैव विविधता के सफल पुनरुद्धार को दिखाया जाएगा।
  • वहीं, बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान में प्रतिनिधि अत्याधुनिक तितली पार्क और पशु सफारी का आनंद प्राप्त कर सकेंगे। यह कर्नाटक के लिए विश्व के सामने अपने समृद्ध वन इकोसिस्टम के साथ-साथ अपने सफल इको-टूरिज्म मॉडल को प्रदर्शित करने का अवसर होगा।

बन्नेरघट्टा राष्ट्रीय उद्यान के बारे में

  • बन्नेरघट्टा राष्ट्रीय उद्यान भारत में एक राष्ट्रीय उद्यान है, जो कर्नाटक के बैंगलोर में स्थित है।
  • यह 1970-71 में स्थापित किया गया था और 1974 में एक राष्ट्रीय उद्यान के रूप में घोषित किया गया था।
  • 2002 में, पार्क का एक छोटा सा हिस्सा एक प्राणि उद्यान, बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान बन गया।
  • 2006 में देश का पहला तितली पार्क बन्नेरघटता बायोलॉजिकल पार्क में ही स्थापित किया गया।
  • यहाँ जंगली बिल्लियों, भारतीय तेंदुओं, बाघ, चीतों एवं हाथियों को नैसर्गिक रूप से देखा जा सकता है।
  • यह एक चिड़ियाघर, पालतू जानवरों का कार्नर, पशु बचाव केंद्र, तितली पार्क, मछलीघर, सांपघर, मगरमच्छ फॉर्म और सफारी पार्क के साथ ही एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल भी है। यहाँ कई ट्रेकिंग ट्रेल्स, सफारी पर्यटन और अन्य बाहरी गतिविधियाँ उपलब्ध हैं, साथ ही प्रदर्शनियों और शैक्षिक कार्यक्रमों के साथ एक अच्छी तरह से सुसज्जित आगंतुक केंद्र भी हैं।

Source - PIB

Nirman IAS (Surjeet Singh)

Current Affairs Author