पहला ग्लोबल टूरिज्म इन्वेस्टर्स समिट
24 Mar, 2023
चर्चा में क्यों ?
पर्यटन मंत्रालय आगामी 17-19 मई 2023 को नई दिल्ली में देश का पहला ग्लोबल टूरिज्म इन्वेस्टर्स समिट (जीटीआईएस) आयोजित करने जा रहा है
मुख्य बिंदु :-
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पर्यटन मंत्रालय ने पहले ग्लोबल टूरिज्म इन्वेस्टर्स समिट की तैयारी के तौर पर आज नई दिल्ली में मिशन प्रमुखों के साथ गोलमेज वार्ता का आयोजन किया।
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भारत की जी20 की अध्यक्षता के तहत एक पहल के रूप में, भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय 17 से 19 मई, 2023 तक नई दिल्ली में देश का पहला वैश्विक पर्यटन निवेशक शिखर सम्मेलन (जीटीआईएस) आयोजित करेगा।
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पर्यटन, संस्कृति और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने मिशन प्रमुखों के साथ गोलमेज वार्ता की अध्यक्षता की।
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इस गोलमेज वार्ता में कुल 42 विदेशी मिशनों ने भाग लिया। जी-20 अध्यक्षता भारत के पर्यटन क्षेत्र को भारत की पर्यटन सुविधाओं को सामने रखने और भारत की पर्यटन सफलता की कहानियों को वैश्विक मंच पर साझा करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगी।
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बेहतर बुनियादी ढांचे, वैश्विक कनेक्टिविटी, उच्च डिस्पोजेबल आय और विदेशी निवेशकों के लिए अवसर खोलने वाले विशिष्ट पर्यटन उत्पादों के विकास के कारण भारत का पर्यटन बाजार विकास के पथ पर आगे बढ़ने के लिए तैयार है।
बढ़ता पर्यटन क्षेत्र
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पर्यटन क्षेत्र सबसे तेजी से बढ़ते आर्थिक क्षेत्रों में से एक के रूप में उभरा है और इसका व्यापार, रोजगार सृजन, निवेश, बुनियादी ढांचे के विकास और सामाजिक समावेश पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।
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निवेश संवर्धन और सुविधा के एक भागीदार के रूप में इन्वेस्ट इंडिया और उद्योग के भागीदार के रूप में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की साझेदारी में आयोजित वैश्विक पर्यटन निवेशक शिखर सम्मेलन 2023 का उद्देश्य, भारतीय यात्रा और आतिथ्य क्षेत्र में वैश्विक और घरेलू कारोबारियों के बीच बातचीत के लिए एक साझा मंच प्रदान करना और निवेश के अवसर का पता लगाना है।
भारत में पर्यटन
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भारत में पर्यटन उत्पादों का एक विविध पोर्टफोलियो है, जिसमें परिभ्रमण, साहसिक, चिकित्सा, कल्याण, गोल्फ और पोलो जैसे खेल, बैठकें, प्रोत्साहन, सम्मेलन, प्रदर्शनियां, इकोटूरिज्म, फिल्म, ग्रामीण और आध्यात्मिक पर्यटन शामिल हैं
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निवेशक शिखर सम्मेलन भारत की अनूठी पेशकशों को प्रदर्शित करने के लिए एक दो-तरफा मंच प्रदान करता है, जबकि विदेश के संभावित निवेशक उस राज्य के लिए विशिष्ट खंड में राज्य-विशिष्ट निवेश संभावनाओं की पहचान कर सकते हैं।
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एक वेब-साइट www.gtistourism.in भी विकसित की गई है, जो आयोजन के अलावा भी सार्वजनिक-निजी जुड़ाव को आगे बढ़ाने में मदद करेगी। इस वृहद आयोजन में जी20 के सभी देशों के भाग लेने की संभावना है।
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पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में स्वचालित मार्ग के तहत शत-प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है। 2014 से 2022 तक पिछले 8 वर्षों में, भारत ने होटल और पर्यटन क्षेत्र में 9.2 बिलियन अमरीकी डालर का एफडीआई प्राप्त किया है, जबकि भारत ने 2000-2014 से 7.2 बिलियन अमरीकी डालर का एफडीआई प्राप्त किया था।
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राज्य भी सक्रिय रूप से नीतियों पर काम कर रहे हैं और होमस्टे, एमआईसीई इंफ्रास्ट्रक्चर, वेलनेस टूरिज्म, इको टूरिज्म आदि के लिए निजी निवेश आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन और रियायतें प्रदान कर रहे हैं।
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स्वीकृतियों को सुव्यवस्थित करने की दिशा में जोर देने के क्रम में, पर्यटन मंत्रालय राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली (एनएसडब्ल्यूएस) प्लेटफॉर्म के साथ एकीकरण कर रहा है और पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में एक नई परियोजना स्थापित करने के लिए आवश्यक स्वीकृतियों की संख्या को कम से कम कर रहा है।
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होटल स्थापित करने के लिए आवश्यक अनुमोदनों को चिन्हित करने और आवेदन करने के लिए एक एकीकृत इंटरफेस प्रदान करने के लिए 7 राज्य एनएसडब्ल्यूएस के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।
Source - PIB
Nirman IAS Team
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