Daily News

भारत मक्का शिखर सम्मेलन-2022

16 May, 2022

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री देश के प्रमुख वाणिज्य एवं उद्योग मंडल फिक्की द्वारा आयोजित ’भारत मक्का शिखर सम्मेलन-2022’ के 8वें संस्करण में मुख्य अतिथि के रूप शामिल हुए।

मुख्य बिंदु:-

  • भोजन के साथ ही कुक्कट पालन व एथनाल उत्पादन सहित विविध क्षेत्रों में मक्का का इस्तेमाल होने से न केवल भारत में बल्कि विश्व में भी मक्का की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है।
  • सरकार फसलों के विविधीकरण कार्यक्रम के तहत, विभिन्न पहलों के जरिये किसानों को मक्का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। साथ ही, सरकार ने विभिन्न पहल व पैकेजों से उद्यमियों को भी समर्थन किया है।
  • पिछले लगभग 8 साल के दौरान मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य 43 प्रतिशत बढ़ाया गया है। इसके साथ ही मक्का का उत्पादन बढ़ने से किसानों को भी इसका काफी लाभ मिला है।

कृषि हमारे देश की रीढ़ के समान

  • उन्होंने मक्का क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार के भरपूर समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि कृषि हमारे देश की रीढ़ के समान है, जिसने कोविड-19 सहित हर संकट में देश की मदद की है।
  • कृषि उत्पादों के निर्यात में वृद्धि भी उत्साहवर्धक रही है, जिसका आंकड़ा लगभग चार लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
  • उन्होंने भारतीय कृषि क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में कहा कि मौजूदा रूस-यूक्रेन संकट के दौरान वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए सरकार गेहूं का निर्यात सुनिश्चित करने पर काम कर रही है।
  • यह हमारे लिए बड़े गर्व का विषय है कि दुनिया की जरूरतों को पूरा करने के लिए हमारे किसानों द्वारा पैदा किए गए गेहूं सहित अन्य कृषि उत्पादों का उपयोग किया जा रहा है।

कृषि क्षेत्र में काफी निवेश की आवश्यकता

  • कृषि क्षेत्र में काफी निवेश की आवश्यकता है, जिसके लिए एक लाख करोड रु. के कृषि अवसंरचना कोष सहित कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों के लिए डेढ़ लाख करोड़ रु. से ज्यादा के पैकेज सर्कार द्वारा लाए गए हैं।
  • कृषि क्षेत्र की बेहतरी के लिए इसमें अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाए जाने की जरूरत है, जिसके लिए भी प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा पहल करने के साथ ही मंत्रालय द्वारा कदम उठाए गए हैं।
  • आज के समय के अनुरूप उद्योगों और किसानों को मिल-जुलकर काम करना होगा ताकि दोनों की जरूरतें पूरी हो सकें और ऐसा होने से कृषि व उद्यम क्षेत्र के साथ ही देश को भी काफी फायदा होगा और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

श्रृंखलाबद्ध तरीके से अनेक नीतिगत सुधार

  • पिछले कुछ सालों के दौरान उद्योगों के फायदे और किसानों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार ने श्रृंखलाबद्ध तरीके से अनेक नीतिगत सुधार किए व योजनाएं प्रारंभ की हैं।
  • फिक्की की राष्ट्रीय कृषि समिति के चेयरमैन और टेफे के समूह अध्यक्ष श्री टी.आर. केशवन ने इस अवसर पर कहा कि खाद्यान्न व पोषण सुरक्षा के मामले में मक्का में बेहतर संभावनाएं मौजूद हैं।
  • यह फसल विविधिकरण के मामले में भी सही मार्ग दिखाती है, साथ ही किसानों की आय बढ़ाने, खासतौर से वर्षा सिंचित क्षेत्र के छोटे एवं सीमांत किसानों की आय बढ़ाने में यह उपयोगी रही है।
  • इससे पहले उद्घाटन सत्र के दौरान बिहार के कृषि मंत्री श्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि दुनिया में मक्का सबसे महत्वपूर्ण फसलों में से एक है। यह ज्यादातर विकासशील देशों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराती है।
  • मक्का भारत में गेहूं व चावल के बाद यह तीसरी सबसे महत्वपूर्ण फसल के तौर पर विकसित हो रही है। भारत में कुल मक्का उत्पादन में बिहार का 9 प्रतिशत योगदान है।
  • देश में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान और महाराष्ट्र के बाद बिहार पांचवां सबसे बड़ा मक्का उत्पादक राज्य है।
  • भारत स्थित अमेरिकी दूतावास में कृषि मामलों के काउंसलर- मंत्री श्री रोनाल्ड वेरडांक ने कहा कि आज जो प्रौद्योगिकियां उपलब्ध हैं, उनसे किसान अपना उत्पादन बढ़ा सकते हैं। मुर्गी पालन क्षेत्र में मक्का की बढ़ती मांग से भारतीय मक्का क्षेत्र को फायदा होने की संभावना है।
  • कोर्टेवा एग्रीसाइंसिज, दक्षिण एशिया के अध्यक्ष श्री राहोल सवानी ने कहा कि मक्का क्षेत्र में प्रौद्योगिकी व नवोन्मेष से न केवल हमें उन चुनौतियों का मुकाबला करने में मदद मिली हैं। जिनका किसान सामना करते हैं बल्कि उनका निदान भी किया जा सका है और यह टिकाऊ समाधान करती हैं।

निजी क्षेत्र व सरकार सामूहिक तौर पर चुनौतियों का सामना कर सकते हैं

  • निजी क्षेत्र व सरकार सामूहिक तौर पर चुनौतियों का सामना कर सकते हैं और कृषि क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक टिकाऊ आर्थिक वृद्धि का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।
  • फूड एंड एग्री बिजनेस स्ट्रटेजिक एडवाइजरी एंड रिसर्च (एफएएसएआर) के राष्ट्रीय प्रमुख श्री सुनजेय वुप्पुलुरी ने कहा कि इस बात को ध्यान में रखते हुए कि घरेलू स्तर पर मक्का की मांग इसके उत्पादन के मुकाबले काफी तेजी से बढ़ रही है, हमें मक्का आपूर्ति श्रृंखला के विभिन्न स्तरों पर उठाए जाने वाले कदमों की पहचान करना चाहिए।
  •  इसके साथ ही मक्का की सतत आपूर्ति जारी रखने के लिए सार्वजनिक- निजी क्षेत्र को मिलकर समाधान निकालना चाहिए।
  • इस अवसर पर फिक्की व यस बैंक की ’भारतीय मक्का क्षेत्र पर तैयार रिपोर्ट-’’इंडियन मैज सेक्टर-सिक्यूरिंग सप्लाई सस्टेनेबली’’ को भी जारी किया गया।

Source: PIB

 

Nirman IAS (Surjeet Singh)

Current Affairs Author