Nano Urea Plant

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नैनो यूरिया सयंत्र

06 Feb, 2023

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने झारखण्ड के देवघर में IFFCO नैनो यूरिया प्लांट के पांचवे सयंत्र का भूमिपूजन और शिलान्यास किया

मुख्य बिंदु :-

  • नैनो यूरिया की देवघर इकाई बनने से यहां प्रतिवर्ष लगभग 6 करोड़ तरल यूरिया की बोतलों का निर्माण किया जाएगा जिससे इसके आयात पर हमारी निर्भरता कम होगी और भारत इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा।
  • भारत द्वारा आज लगभग 5 देशों में तरल यूरिया का निर्यात किया जा रहा है। इफको द्वारा बनाया गया यह तरल यूरिया न केवल भारत बल्कि विश्व के किसानों की भी मदद करेगा।
  • भारत कभी यूरिया को आयात करता था लेकिन भारत सरकार द्वारा यूरिया के कई कारखाने पुनर्जीवित किए गये और आज 30 एकड़ में बन रहा तरल यूरिया का यह छोटा सा कारखाना आयातित 6 करोड़ यूरिया खाद के बैग के विकल्प का निर्माण करेगा जिससे भारत इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा।
  • इससे किसान की भूमि भी संरक्षित रहेगी और उत्पादन में भी वृद्धि होगी। तरल नैनो यूरिया का यह कारखाना न केवल झारखंड बल्कि बिहार, उड़ीसा और बंगाल के किसानों के खेतों में भी उत्पादन बढ़ाने में उपयोगी साबित होगा।
  • गौरतलब है की भारत का पहला नैनो तरल यूरिया का संयंत्र गुजरात के कलोल में स्थापित किया गया है

नैनो यूरिया के बारे में –

  • नैनो यूरिया नैनो तकनीकी पर आधारित एक अनूठा उर्वरक है जो कि विश्व में पहली बार विकसित किया गया है तथा भारत सरकार द्वारा अनुमोदित भी है।
  • फसल की क्रांति का अवस्थाओं पर नैनो यूरिया का पत्तियों पर छिड़काव करने से नाइट्रोजन की सफलतापूर्वक आपूर्ति हो जाती है, जिससे उत्पादन वृद्धि के साथ-साथ पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है,
  • क्योंकि इसका इस्तेमाल पत्तियों पर छिड़काव के रूप में होता है और यह सामान्य दानेदार यूरिया की तरह जमीन में जाकर मिट्टी को भी दूषित नहीं करता है।
  • नैनो यूरिया लिक्विड को गुजरात के कलोल में इफ्को के नैनो बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर (एनबीआरसी) में स्वदेशी तकनीक विकसित किया गया है।
  • नैनो यूरिया को पारंपरिक यूरिया के स्थान पर विकसित किया गया है और यह पारंपरिक यूरिया की आवश्यकता को कम से कम 50 प्रतिशत तक कम कर सकता है। इसके 500 मि.ली. की एक बोतल में 40,000 पीपीएम नाइट्रोजन होता है जो सामान्य यूरिया के एक बैग के बराबर नाइट्रोजन पोषक तत्व प्रदान करेगा।
  • इफको ने किसानों के लिए 500 मि.ली. नैनो यूरिया की एक बोतल की कीमत 240 रुपए निर्धारित की है जो सामान्य यूरिया के एक बैग के मूल्य से 10 प्रतिशत कम है।

लाभ -

  • यह सभी फसलों के लिए उपयोगी है।
  • सुरक्षित एवं पर्यावरण के अनुकूल टिकाऊ खेती हेतु उपयोगी है।
  • बिना उपज प्रभावित किए यूरिया तथा अन्य नाइट्रोजन युक्त यूरिया की बचत करता है।
  • वातावरण प्रदूषण की समस्या से मुक्ति यानि मिट्टी हवा और पानी की गुणवत्ता में सुधार के साथ उर्वरक उपयोग दक्षता भी इसकी अधिक है।
  • उत्पादन वृद्धि के साथ उत्पादक गुणवत्ता में वृद्धि होती है।
  • परिवहन एवं भंडारण खर्चों में कमी एवं सुगम परिवहन किया जा सकता है।

Source - PIB

Nirman IAS (Surjeet Singh)

Current Affairs Author