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राष्ट्रीय डॉल्फिन दिवस

28 Mar, 2022

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में भारत सरकार द्वारा अब हर साल 5 अक्टूबर को ‘राष्ट्रीय डॉल्फिन दिवस’ मनाने की  घोषणा की गयी। 

मुख्य बिंदु :-

  • हाल ही में पर्यावरण मंत्रालय ने घोषणा की कि प्रजातियों के संरक्षण अभियान के तहत और जागरूकता पैदा करने के लिए इस साल से पांच अक्तूबर को ‘राष्ट्रीय डॉल्फिन दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।
  • केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की स्थायी समिति की 67वीं बैठक में यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस दिवस के आयोजन का उद्देश्य डॉल्फिन की प्रजातियों के संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाना है।
  • इसके साथ ही स्थायी समिति ने कई महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दों और राज्य सरकारों व केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासन की ओर से भेजे गए वन्यजीव मंजूरी के प्रस्तावों पर चर्चा की।
  • स्थायी समिति ने वन्यजीव मंजूरी के 46 प्रस्तावों पर भी विचार किया। साथ ही सार्वजनिक महत्व और स्थानीय समुदायों की आजीविका में सुधार जैसे- लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के दूरदराज के गांवों में बिजली पहुंचाना, कर्नाटक के गांववालों को पेयजल आपूर्ति आदि के लिए आवश्यक कई परियोजनाओं की सिफारिश की। बैठक के दौरान केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में सड़क और सीमा चौकी जैसी रणनीतिक महत्व की परियोजनाओं की भी सिफारिश की गई।
  • स्थायी समिति ने सिंचाई सुविधाओं में सुधार के लिए हरियाणा राज्य में मिट्टी के बांधों के निर्माण के लिए चार प्रस्तावों की सिफारिश की। इन बांधों से अभयारण्य में भूजल स्तर बढ़ेगा, जो वन्यजीवों के निवास के लिहाज से लाभकारी होगा।
  • स्थायी समिति ने उत्तराखंड राज्य में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क परियोजना की भी सिफारिश की, जिससे उपयुक्त पशु मार्ग संरचनाओं के साथ दूरदराज के गांवों को कनेक्टिविटी प्रदान की जा सके।
  • लद्दाख में भू-तापीय जलाशय के ऊपर चट्टानों में ड्रिलिंग द्वारा बिजली उत्पादन और अन्य प्रत्यक्ष ताप अनुप्रयोगों के लिए भू-तापीय ऊर्जा के दोहन के लिए एक परियोजना की भी सिफारिश की गई।

डॉल्फिन के बारे में –

  • स्वस्थ जलीय पारिस्थितिक तंत्र हमारे ग्रह की समग्र सेहत को बनाए रखने में मदद करते हैं। डॉल्फिन एक स्वस्थ जलीय पारिस्थितिकी तंत्र के आदर्श पारिस्थितिक संकेतक के रूप में कार्य करती है और डॉल्फिन के संरक्षण से प्रजातियों के अस्तित्व और अपनी आजीविका के लिए जलीय प्रणाली पर निर्भर लोगों को लाभ होगा।
  • गंगा नदी डॉल्फिन (Platanista gangetica gangetica) व सिंधु नदी डॉल्फिन (Platanista gangetica minor) मीठे पानी की डॉल्फिन की दो प्रजातियां हैं। ये भारत, बांग्लादेश, नेपाल तथा पाकिस्तान में पाई जाती हैं। ये मुख्यतः गंगा नदी में तथा सिंधु नदी, पाकिस्तान के सिंधु नदी के जल में पाई जाती हैं।
  • भारत में ज्यादातर गांगेय डॉल्फिन, डॉल्फिन की मीठे पानी की एक प्रजाति है और यह असम, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में लंबी गहरी नदी में देखी जाती है।
  • उल्लेखनीय है की केंद्र सरकार ने 18 मई 2010 को गंगा डॉल्फिन को भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त 2020 में मीठे पानी और समुद्री डॉल्फिन दोनों के संरक्षण के लिए ‘प्रोजेक्ट डॉल्फिन’ की घोषणा की थी।
  • गंगा नदी में पाई जाने वाली गंगा डॉल्फिन एक नेत्रहीन जलीय जीव है जिसकी घ्राण शक्ति अत्यंत तीव्र होती है। विलुप्त प्राय इस जीव की वर्तमान में भारत में 2000 से भी कम संख्या रह गयी है जिसका मुख्य कारण गंगा का बढ़ता प्रदूषण, बांधों का निर्माण एवं शिकार है।
  • इनका शिकार मुख्यतः तेल के लिए किया जाता है जिसे अन्य मछलियों को पकड़ने के लिए चारे के रूप में प्रयोग किया जाता है।
  • इस समय उत्तर प्रदेश के नरोरा और बिहार के पटना साहिब के बहुत थोड़े से क्षेत्र में गंगा डॉल्फिन बचीं हैं। बिहार व उत्तर प्रदेश में इसे 'सोंस' जबकि आसामी भाषा में 'शिहू' के नाम से जाना जाता है।
  • यह इकोलोकेशन (प्रतिध्वनि निर्धारण) और सूंघने की अपार क्षमताओं से अपना शिकार और भोजन तलाशती है। यह मांसाहारी जलीय जीव है। यह प्राचीन जीव करीब 10 करोड़ साल से भारत में मौजूद है। यह मछली नहीं दरअसल एक स्तनधारी जीव है।
  • उल्लेखनीय है की केंद्र सरकार ने 1972 के भारतीय वन्य जीव संरक्षण कानून के दायरे में भी गंगा डोल्फिन को शामिल किया था। 1996 में ही इंटर्नेशनल यूनियन ऑफ़ कंजर्वेशन ऑफ़ नेचर भी इन डॉल्फिनों को विलुप्त प्राय जीव घोषित कर चुका था।
  • इसी के चलते केन्द्रीय मंत्रालय डॉल्फिन और उसके निवास के संरक्षण के लिए कई गतिविधियां संचालित कर रहा है। यह देखते हुए कि डॉल्फिन के संरक्षण के लाभ के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना और संरक्षण के प्रयासों में लोगों की भागीदारी अनिवार्य है, स्थायी समिति ने सिफारिश की है कि हर साल 5 अक्टूबर को राष्ट्रीय डॉल्फिन दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

Source - PIB

 

Nirman IAS (Surjeet Singh)

Current Affairs Author