Indian tea industry

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भारतीय चाय उद्योग

04 Mar, 2023

चर्चा में क्यों ?

भारत ने उत्पादन को बढ़ावा देने, भारतीय चाय के लिए एक उत्‍कृष्‍ट ब्रांड का निर्माण करने और चाय उद्योग से जुड़े परिवारों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं।

मुख्य बिंदु :-

  • भारत लगभग 1350 मिलियन किलोग्राम उत्पादन के साथ दूसरा सबसे बड़ा चाय उत्पादक और सबसे बड़ा काली चाय उत्पादक है तथा घरेलू आवश्यकताओं और निर्यात दायित्वों को पूरा करने के लिए आत्मनिर्भर है।
  • भारत काली चाय का सबसे बड़ा उपभोक्ता भी है और विश्व की कुल चाय खपत का लगभग 18 प्रतिशत उपभोग करता है।
  • भारतीय चाय को विभिन्न गंतव्यों देशों में निर्यात किया जाता है और यह बड़ी संख्या में घरेलू उपभोक्ताओं की आवश्‍यकताओं को पूरा करने के अतिरिक्‍त चाय का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक है।
  • भारतीय चाय उद्योग में प्रत्यक्ष रूप से 1.16 मिलियन श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है और समान संख्‍या में लोग इससे अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं।

छोटे चाय उत्पादक

  • छोटे चाय उत्पादक उभरते हुए क्षेत्र हैं जो कुल उत्पादन में लगभग 52 प्रतिशत का योगदान देते हैं। वर्तमान में, आपूर्ति श्रृंखला में लगभग 2.30 लाख छोटे चाय उत्पादक मौजूद हैं।
  • भारत सरकार ने इस क्षेत्र का समर्थन करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें स्वयं सहायता समूह, किसान उत्पादक संगठनों और कंपनियों को बनाने के साथ -साथ प्रूनिंग मशीनों, यांत्रिक हार्वेस्टर और मिनी चाय कारखानों के लिए सहायता प्रदान करना शामिल है।
  • चाय बोर्ड ने एक मोबाइल ऐप "चाय सहयोग"  और एक मूल्य साझाकरण फॉर्मूला भी विकसित किया है ताकि उत्पादकों को बेहतर कीमतें प्राप्त करने में मदद मिल सके।
  • चाय बोर्ड ने उनकी आजीविका और शिक्षा की आवश्‍यकताओं में सुधार लाने के लिए "छोटे चाय उत्पादकों के बच्चों को शिक्षा वृत्तिका की सहायता" की स्‍कीम तैयार की थी।
  • वर्ष 2022-23 के दौरान जनवरी, 2023 तक 2845 लोगों को लाभान्वित करते हुए इस घटक के लिए 3.25 करोड़ रुपये का संवितरण किया गया।

भारतीय चाय निर्यात

  • भारतीय चाय निर्यात अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मजबूती से प्रतिस्पर्धा करता रहा है और अपने लिए एक स्‍थान बनाने में सक्षम है।
  • 2022-23 के दौरान, विभिन्न भू-राजनीतिक, भू-आर्थिक और लॉजिस्टिक संबंधी चुनौतियों के बावजूद भारतीय चाय निर्यात के 883 मिलियन डॉलर के निर्धारित लक्ष्य का 95 प्रतिशत से अधिक अर्जित करने की उम्मीद है।
  • इसके अतिरिक्‍त , हाल में प्राप्‍त निर्यातकों के इनपुट के अनुसार, कंटेनरों की उपलब्धता आदि जैसी लॉजिस्टिक संबंधी बाधाओं को दूर कर दिया गया है।
  • इसमें चाय उद्योग की सहायता के लिए कई कदम उठाए गए हैं: बाजार आसूचना रिपोर्ट और चाय के निर्यात में और वृद्धि की संभावनाओं की खोज करने के लिए विदेशों में भारतीय मिशनों की सहायता से विशेष रूप से इराक, सीरिया, सऊदी अरब, रूस आदि जैसे रूढ़िवादी चाय आयातक देशों के संबंध में नियमित अंतरालों पर विभिन्न क्रेता-विक्रेता बैठकें आयोजित की जा रही हैं। मलेशिया के लिए भी बीएसएम था।
  • भारतीय चाय की ब्रांडिंग, उपभोग के लिए इसके स्वास्थ्य़, लाभ आदि के लिए मीडिया अभियानों का व्‍यापक स्‍तर पर उपयोग किया जाता है।
  • उन सभी महत्वपूर्ण मंचों और कार्यक्रमों में विशिष्‍ट चाय प्रतीक चिन्‍हों को प्रदर्शित किया जाता है जिनमें टीबीआई भाग लेता है और हितधारकों को इन प्रतीक चिन्‍हों के उपयोग के लिए उचित दिशा-निर्देशों का पालन करने की सुविधा प्रदान की जाती है।

दार्जिलिंग चाय

  • दार्जिलिंग चाय भारत के प्रतिष्ठित उत्पादों में से एक है जो पहला जीआई पंजीकृत है। यह दार्जिलिंग जिले के पर्वतीय क्षेत्र में 87 चाय बागानों में फैला हुआ है।
  • चाय बागानों में 70 प्रतिशत से अधिक झाड़ियाँ 50 वर्ष से अधिक पुरानी हैं और इस प्रकार उत्पादकता को प्रभावित करती हैं।
  • वर्तमान में दार्जिलिंग चाय का उत्पादन 6-7 एम कि.ग्रा. की सीमा में है। नेपाल चाय के सस्ते आयात की चुनौती सहित, दार्जिलिंग चाय उद्योग की चिंताओं को दूर करने के लिए चाय बोर्ड द्वारा दार्जिलिंग चाय उद्योग के हितधारकों के साथ समिति गठित की गई है और यह संभावित समाधानों की खोज कर रही है।
  • सस्ते आयातित चाय की गुणवत्ता की सख्‍त जांच के लिए चाय बोर्ड और मंत्रालय द्वारा विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं।

Source - PIB

Nirman IAS Team

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