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मेंढक की नई प्रजाति

15 Jan, 2022

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में शोधकर्ताओं ने पनामा के जंगलो में मेंढक की नई प्रजाति की खोज की है, जिसका नामकरण पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के सम्मान में किया गया। 

मुख्य बिंदु :-

  • वैज्ञानिकों को मध्य और पूर्वी पनामा के जंगलों में मेंढक की एक नई प्रजाति मिली है, जिसका नाम पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के सम्मान ग्रेटा थनबर्ग रेनफ्रॉग रखा गया है। वर्षावन में मिलने वाले इस मेंढक 'प्रिस्टीमैंटिस ग्रेटाथनबर्गे' की खोज शोधकर्ताओं के एक अंतराष्ट्रीय दल द्वारा की गई है, जिसका सहयोग स्वयंसेवी संगठन रेनफॉरेस्ट ट्रस्ट द्वारा किया गया था।
  • यह मेंढक पूर्वी पनामा में सेरो चुकांटी के एक स्काई आइलैंड में खोजा गया है, जोकि रेनफॉरेस्ट ट्रस्ट के सहयोग से संरक्षण पर काम कर रहे संगठन एडॉप्टाबॉस्क द्वारा स्थापित एक रिजर्व है।
  • गौरतलब है कि पनामा के जंगलों में मिलने वाली मेंढक की इस खूबसूरत प्रजाति को उसकी बड़ी विशिष्ट काली आंखों से पहचाना जा सकता है।

खतरे में इस प्रजाति का भविष्य -

  • शोधकर्ताओं के मुताबिक यह प्रजाति पहले से ही खतरे में है। गौरतलब है कि इस प्रजाति के आवासक्षेत्र पर जलवायु परिवर्तन का खतरा मंडरा रहा है।
  • दूसरी तरफ तेजी से काटे जा रहे जंगल इनके आवास को नष्ट कर रहे हैं। इस बारे में एक शोध पेनसॉफ्ट साइंटिफिक जर्नल जूकीस में प्रकाशित हुआ है।
  • इतना ही नहीं जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ता तापमान और खतरनाक चिट्रिड फंगस इस मेंढक के लिए एक और बड़ा खतरा है। शोध के मुताबिक पिछले 30 वर्षों में सेरो चुकांटी का लगभग 30 फीसदी वनक्षेत्र खत्म हो चुका है।
  • ऐसे में यह जरुरी है कि इस खूबसूरत प्रजाति को बचाने के लिए अभी प्रयास किए जाएं, जिसके लिए इसके आवास को बचाना सबसे ज्यादा जरुरी है। जलवायु परिवर्तन एक ऐसा खतरा है जो न केवल मेंढक की इस एक प्रजाति बल्कि इस क्षेत्र में पाए जाने वाली अनगिनत प्रजतियों को नुकसान पहुंचा रहा है। इस प्रजाति को बचाने के लिए किए गए प्रयास अन्य प्रजातियों के संरक्षण में भी मददगार होंगें।

Source – Down to Earth

 

Nirman IAS (Surjeet Singh)

Current Affairs Author