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ऑनलाइन भंडारण प्रबंधन प्रणाली

24 Jan, 2022

चर्चा में क्यों ?

खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग जल्द ही देश में ऑनलाइन भंडारण प्रबंधन (OSM) शुरू करने जा रहा है, आइये जानते है इस ऑनलाइन भंडारण प्रबंधन प्रणाली के बारे में

मुख्य बिंदु :-

  • गौरतलब है की भारत सरकार ने अपनी डिजिटल इंडिया कार्यक्रम पहल के साथ इस बात पर जोर दिया है कि कम्प्यूटरीकरण विकास का ईंधन है और सार्वजनिक तंत्र को सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की पहुंच को कुशलतापूर्वक और समान रूप से फैलाने में मदद करता है।
  • इसी के चलते खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग अपने विभिन्न प्रयासों में स्वचालन के लाभों का दोहन करने की दिशा में काम कर रहा है, विशेष रूप से इस सिद्धांत का पालन करते हुए कि वैज्ञानिक भंडारण तकनीकों के माध्यम से बचाए गए खाद्यान्न के हर अंश को उत्पादित अनाज के रूप में माना जाना चाहिए।
  • उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने अपनी प्रमुख एजेंसी, भारतीय खाद्य निगम (FCI) के साथ मिलकर देश में ऑनलाइन स्टोरेज मैनेजमेंट (OSM) शुरू करने के लिए एक रोडमैप विकसित किया है।
  • OSM में केंद्रीय पोर्टल के साथ राज्य पोर्टलों को एकीकृत करके केंद्रीय पूल के लिए देश में संग्रहित खाद्यान्न के लिए सूचना का एक ही स्रोत स्थापित करने की परिकल्पना की गई है।
  • OSM, DCP (विकेंद्रीकृत खरीद की योजना) राज्यों में भंडारण प्रबंधन अनुप्रयोगों का एक बुनियादी ढांचा विकसित करेगा, प्रत्येक न्यूनतम भंडारण विनिर्देशों (MSS) का पालन करने में सक्षम होगा। ये MSS, जिन्हें संबंधित राज्यों और FCI के साथ गहन और विस्तृत चर्चा के माध्यम से पहचाना गया है: -भंडारण क्षमता की गणना करने की क्षमता, भंडारण की बिंदु-वार स्टॉक स्थिति (फसल के सालाना स्टॉक का विवरण, ओबी की जानकारी, समस्याएं और सीबी), स्टैक-वार, ट्रक-वार लिंकेज (स्टॉक की स्थिति का स्टैक वार विवरण, ट्रक वार जानकारी), गुणवत्ता पैरामीटर (संक्रमण विवरण, उपचार विवरण)। इससे वितरण के लिए रूट में फेरबदल करने में भी मदद मिलेगी।
  • सचिव (खाद्य), भारत सरकार की अध्यक्षता में 21 जनवरी, 22 को आयोजित एक बैठक में भारत के और सभी DCP राज्यों के खाद्य सचिवों ने भाग लिया और इस दौरान FCI ने पहल में प्रगति पर एक प्रस्तुति दी। प्रस्तुति के दौरान, इस बात पर जोर दिया गया कि राज्य मिलकर अपने संबंधित पोर्टलों का निर्माण करें ताकि राज्यों के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं को आत्मसात और प्रसारित किया जा सके।
  • बैठक में, 16 राज्यों (अर्थात आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल) ने MSS के साथ भंडारण प्रबंधन अनुप्रयोगों को विकसित/कार्यान्वित करने और उन्हें केंद्रीय पोर्टल के साथ एकीकृत करने की अपनी प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया।
  • इस प्रक्रिया की मार्च 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है और इससे खाद्यान्न के भंडारण, आवाजाही और वितरण में दक्षता और पारदर्शिता में सुधार होगा। यह पूरी प्रक्रिया में लीकेज की जांच करके खाद्य भंडारण और वितरण की लागत को कम करने में मदद करेगा।
  • यह हितधारकों, विशेष रूप से पीडीएस उपभोक्ता, जिनका कल्याण सरकार की प्राथमिकता है, को लाभान्वित करने के लिए निगरानी और तेजी से निर्णय लेने दोनों के लिए सरकार को आसानी से उपलब्ध जानकारी के साथ सक्षम करेगा।

खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के बारे में –

  • खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग का प्रमुख नीतिगत उद्देश्य खाद्यान्नों की यथासमय और कार्य कुशल खारीद के माध्यम से देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसमें विभिन्न खाद्यान्नों की खरीद करना, खाद्यान्नों का स्टॉक रखना और उसका रखरखाव करना, वितरण करने वाली एजेंसियों को खाद्यान्नों की सुपुर्दगी करना और खाद्यान्नों के उत्पादन, स्टॉक एवं मूल्य स्तरों की निगरानी करना है।
  • इसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य तंत्र के माध्यम से किसानों को उनके उत्पाद के उचित मूल्य द्वारा प्रोत्साहन देने, गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को खाद्यान्नों का वितरण करने एवं अंत्योदय अन्न योजना के अंतर्गत भुखमरी में जी रहे परिवारों को कवर करने, खाद्यान्न की कमी वाले क्षेत्रों में अनाज बैंक स्थापित करने और सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पंचायती राज संस्थाओं को शामिल करने पर ध्यान केन्द्रित किया गया है।
  • यह विभाग चीनी क्षेत्र से संबंधित नीतियां तैयार करने के लिए भी उत्तरदायी है जैसे चीनी कारखानों द्वारा देय गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) का निर्धारण, चीनी उद्योग का विकास एवं विनियमन (चीनी प्रौद्योगिकी में प्रशिक्षण सहित), चीनी के लेवी मूल्य का निर्धारण और पीडीएस हेतु चीनी की आपूर्ति एवं फ्री सेल चीनी की आपूर्ति का विनियमन। यह विभाग खाद्यान्नों, चीनी और खाद्य तेलों के निर्यात एवं आयात संबंधी नीतियां भी तैयार करता है।

मिशन -

  • न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खाद्यान्नों की कार्यकुशल खरीद, भंडारण एवं वितरण।
  • खाद्यान्नों के बफर स्टॉक के रखरखाव सहित समुचित नीतिगत साधनों के माध्यम से खाद्यान्नों और चीनी की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से, विशेष रूप से समाज के कमजोर और वंचित वर्गों को वाजिब मूल्यों पर खाद्यान्न उपलब्ध करना।

उद्देश्य -

  • देशभर में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 का कार्यान्वयन
  • गेहूं, धान/चावल और मोटे अनाज की कार्यकुशल खरीद के माध्यम से मूल्य समर्थन प्रचालन करना।
  • लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत बनाना।
  • चीनी उद्योग का विकास/संवर्धन।
  • वेयरहाऊसिंग क्षेत्र का विकास।
  • सार्वजनिक सेवा प्रणाली में सुधार करना।

Source - PIB

 

Nirman IAS (Surjeet Singh)

Current Affairs Author