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प्रोजेक्ट चीता

19 Aug, 2022

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में केंद्र सरकार ने भारतीय क्षेत्र में विलुप्तप्राय प्रजातियों की पुनर्स्थापना के लिए चीता परियोजना का शुभारंभ किया।

मुख्य बिंदु :-

  • प्रोजेक्ट चीता, भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसका उद्देश्य इस प्रजाति को भारत के अपने ऐतिहासिक निवास-स्थल में फिर से स्थापित करना है।
  • जंगली प्रजातियों विशेष रूप से चीता को फिर से स्थापित करने का कार्य आईयूसीएन दिशानिर्देशों के अनुसार किया जा रहा है और बीमारियों की जांच, छोड़े जाने वाले जानवरों को क्वारंटाइन करना आदि के साथ जीवित जंगली जानवरों के एक से दूसरे महाद्वीप में परिवहन आदि प्रक्रियाओं के लिए सावधानीपूर्वक योजना बनने और इसका निष्पादन करने की आवश्यकता होती है।
  • गौरतलब है की चीता को निर्दिष्ट निवास स्थल (रेंज) में छोड़े जाने/स्थानांतरित किये जाने की तारीख अभी तय नहीं की गई है। पूरी प्रक्रिया की संवेदनशीलता को देखते हुए, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय परियोजना की सफलता सुनिश्चित करने के लिए सभी सावधानी बरत रहा है।
  • आगमन पर, चीतों को क्वारंटाइन में रखा जाएगा और जंगल में छोड़े जाने से पहले उनकी निगरानी की जाएगी। मीडिया के कुछ हिस्सों में रिपोर्ट आयी है कि अफ्रीकी चीता अभी भी पारगमन में फंसे हुए हैं। यह रिपोर्ट पूरी तरह से निराधार है।
  • नामीबिया गणराज्य के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं और दक्षिण अफ्रीका के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये जाने की प्रक्रिया चल रही है।

चीता के बारे में –

  • बिल्ली के कुल (विडाल) में आने वाला चीता (एसीनोनिक्स जुबेटस) अपनी अदभुत फूर्ती और रफ्तार के लिए पहचाना जाता है। चीता शब्द की उत्पत्ति संस्कृत शब्द चित्रकायः से हुई है जो हिंदी चीता के माध्यम से आई है और जिसका अर्थ होता है बहुरंगी शरीर वाला
  • यह एसीनोनिक्स प्रजाति के अंतर्गत रहने वाला एकमात्र जीवित सदस्य है, जो कि अपने पंजों की बनावट के रूपांतरण के कारण पहचाने जाते हैं।
  • इसी कारण, यह इकलौता विडाल वंशी है जिसके पंजे बंद नहीं होते हैं और जिसकी वजह से इसकी पकड़ कमज़ोर रहती है अतः वृक्षों में नहीं चढ़ सकता है हालांकि अपनी फुर्ती के कारण नीची टहनियों में चला जाता है।
  • ज़मीन पर रहने वाला ये सबसे तेज़ जानवर है जो एक छोटी सी छलांग में 120 कि॰मी॰ प्रति घंटे तक की गति प्राप्त कर लेता है और 460 मी. तक की दूरी तय कर सकता है और मात्र तीन सेकेंड के अंदर ये अपनी रफ्तार में 103 कि॰मी॰ प्रति घंटे का इज़ाफ़ा कर लेता है, जो अधिकांश सुपरकार की रफ्तार से भी तेज़ है। हालिया अध्ययन से ये साबित हो चुका है कि धरती पर रहने वाला चीता सबसे तेज़ जानवर है।
  • चीता एक संवेदनशील प्रजाति है। सभी बड़ी बिल्ली प्रजातियों में यह एक ऐसी प्रजाति है जो नए वातावरण को जल्दी से स्वीकार नहीं करती है। इसने हमेशा ही साबित किया है कि इसे कैद में रखना मुश्किल है, हालांकि हाल ही में कुछ चिड़ियाघर इसके पालन-पोषण में सफल हुए हैं।
  • उल्लेखनीय है की इसके खाल के लिए व्यापक रूप से इसका शिकार करने के कारण चीता अब प्राकृतिक वास और शिकार करने दोनों में असक्षम होते जा रहे हैं।
  • इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर (IUCN) में चीता को असुरक्षित प्रजातियों की सूची में शामिल किया है (अफ्रीकी उप-प्रजातियां संकट में, एशियाई उप-प्रजातियां की स्थिति गंभीर) साथ ही साथ अमेरिका के लुप्तप्राय प्रजाति अधिनियम पर: CITES के परिशिष्ट में प्रजातियां के संकट में होने - के बारे में बताया है।

Source - PIB

Nirman IAS (Surjeet Singh)

Current Affairs Author