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रिवार्ड (REWARD) परियोजना

21 Feb, 2022

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में भारत सरकार और विश्व बैंक ने रिवार्ड (REWARD) परियोजना के कार्यान्वयन के लिए 115 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए।

मुख्य बिंदु :-

  • भारत सरकार, कर्नाटक और ओडिशा की राज्य सरकारों एवं विश्व बैंक ने 115 मिलियन डॉलर (869 करोड़ रुपये) के “नवोन्मेषी विकास के माध्यम से कृषि को सहनीय बनाने के लिए जल-विभाजक क्षेत्र का कायाकल्प" (REWARD)” पर हस्ताक्षर किए हैं, जो राष्ट्रीय और राज्य संस्थानों को जल-विभाजक क्षेत्र प्रबंधन के बेहतर तौर-तरीकों को अपनाने में मदद करेगा। इससे जलवायु परिवर्तन के प्रति किसानों की सहनीयता को बढ़ाने में मदद मिलेगी तथा अधिक उत्पादन व बेहतर आय को भी बढ़ावा मिलेगा।
  • उल्लेखनीय है की भारत सरकार 2030 तक 26 मिलियन हेक्टेयर अनुपजाऊ भूमि को फिर से उपजाऊ बनाने और 2023 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रभावी जल-विभाजक क्षेत्र प्रबंधन से वर्षा पर निर्भर क्षेत्रों में आजीविका बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे सहनीय खाद्य प्रणाली का निर्माण होगा।
  • इस संदर्भ में, नया कार्यक्रम; भाग लेने वाली राज्य सरकारों को जल-विभाजक क्षेत्र प्रबंधन योजना और निष्पादन के तौर-तरीकों को बदलने में तथा पूरे देश में दोहराने जाने लायक विज्ञान-आधारित योजना-निर्माण को अपनाने में मदद करेगा। यह कार्यक्रम भाग लेने वाले के साथ अन्य राज्यों को जल-विभाजक क्षेत्र विकास के लिए नए दृष्टिकोण को अपनाने में भी मदद करेगा।
  • गौरतलब है की कोविड-19 महामारी ने भारत में टिकाऊ और जोखिम-रहित कृषि की आवश्यकता पर बल दिया, जो किसानों की जलवायु अनिश्चितताओं से रक्षा करता है और उनकी आजीविका को मजबूती प्रदान करता है।
  • भारत में जल-विभाजक क्षेत्र विकास के लिए एक मजबूत संस्थागत संरचना पहले से मौजूद है, इस परियोजना के तहत लागू किये जाने वाले विज्ञान-आधारित, डेटा-संचालित दृष्टिकोणों पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित पर जलवायु परिवर्तन की स्थिति में भी किसानों को नए अवसरों का विकल्प मिल सकता है।
  • दुनिया के सबसे बड़े जल-विभाजक क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रमों में से एक को भारत में लागू किया जा रहा है। यह कार्यक्रम व्यापक स्थानिक डेटा और प्रौद्योगिकियों, निर्णय समर्थन उपकरणों एवं ज्ञान के आदान-प्रदान को विकसित व लागू करके प्रगति को आगे बढ़ाएगा।
  • अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD) कर्नाटक को 60 मिलियन डॉलर (453.5 करोड़ रुपये), ओडिशा को 49 मिलियन डॉलर (370 करोड़ रुपये) और केंद्र सरकार के भूमि संसाधन विभाग को शेष 6 मिलियन डॉलर (45.5 करोड़ रुपये) प्रदान करेगा। 115 मिलियन डॉलर (869 करोड़ रुपये) ऋण की परिपक्वता अवधि 15 वर्ष है, जिसमें 4.5 वर्ष की छूट अवधि भी शामिल है।

क्या है रिवार्ड (REWARD) परियोजना ?

  • 9 फरवरी‚ 2021 को ओडिशा सरकार ने ‘अभिनव विकास परियोजना REWARD-Rejuvenating watersheds for agriculltural resilieyence Hrrough Innovation development) के माध्यम से कृषि पुनरुत्थान के लिए जल पुनर्विकास के कार्यान्वयन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
  • इस परियोजना का उद्देश्य कुशल जल प्रबंधन और उन्नत फसल क्षेत्र सुनिश्चित करना है।
  • इस परियोजना को अप्रैल‚ 2021 से आगामी 6 वर्ष की अवधि के लिए कृषि और किसान सशक्तीकरण विभाग के तहत मृदा संरक्षण और जलग्रहण विकास निदेशालय द्वारा लागू किया जायेगा।
  • इस परियोजना के अंतर्गत 10000 भूमिहीन‚ व्यक्तियों सहित लगभग 1.9 लाख लोग लाभान्वित होंगे।
  • इस परियोजना को ओडिशा के 7 जनपदों-संभलपुर‚ ढेंकनाल‚ नयागढ़‚ देवगढ़‚ कोरापुट‚ नबरंगपुर एवं सुंदरगढ़ में लागू किया जायेगा।
  • ओडिशा के अलावा कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में इस परियोजना का कार्यान्वयन किया जाएगा।

Source - PIB

 

Nirman IAS (Surjeet Singh)

Current Affairs Author