Shanghai Cooperation Organization (SCO) Summit

Daily News

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन

21 Feb, 2023

चर्चा में क्यों ?

कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) उद्यमियों की एक नई पीढ़ी के कौशल प्रशिक्षण एवं कौशल विकास के माध्यम से शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में भागीदार देशों के बीच क्षमता निर्माण के लिए हयात रीजेंसी में एक सम्मेलन आयोजित कर रहा है।

मुख्य बिंदु :-

  • भारत इस बैठक में स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल, सूचना प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों के लिए विभिन्न विधाओं में डिजिटल परिवर्तन पर अपनी सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को प्रस्तुत करेगा, जिसमें उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जो महामारी के दौरान जनता के सामने आने वाली कल्याणकारी चुनौतियों को पूरा करने में सहायता करते हैं।
  • इसके अलावा, स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल, सूचना प्रौद्योगिकी आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में श्रेणीबद्ध उपलब्धियों तथा सीखने के बारे में सिफारिश करने के लिए उद्योग एवं कौशल आधारित शिक्षा के बीच डिजिटल परिवर्तन और संबंधों का उल्लेख करने वाला एक सत्र आयोजित होगा, जिसने कोविड महामारी के दौरान जनता के सामने आने वाली कल्याणकारी चुनौतियों को पूरा करने में सहायता की है।
  • सत्र के दौरान इस बात पर भी विचार-विमर्श होगा कि कैसे शंघाई सहयोग संगठन के लिए भागीदार देशों में डिजिटल एकीकरण प्राप्त करने के उद्देश्य से संस्थानों को संरेखित करने तथा हितधारकों को शामिल करने की आवश्यकता है।
  • इस सम्मेलन से भारत को अपनी क्षमता निर्माण में सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को साझा करने का अवसर प्राप्त होगा और अन्य एससीओ सदस्य देशों को इसी तरह के कार्यक्रम संचालित करने के लिए प्रेरित करेगा।
  • शंघाई सहयोग संगठन एक स्थायी अंतरसरकारी अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसमें भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिज़स्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान जैसे आठ सदस्य शामिल हैं, जो द्विपक्षीय संबंधों एवं क्षेत्रीय सुरक्षा को सशक्त करते हैं।
  • इस सम्मेलन का मुख्य फोकस सूचना प्रौद्योगिकी प्लेटफार्मों के उपयोग पर कौशल आधारित क्षमता निर्माण के माध्यम से इच्छुक उद्यमियों एवं छोटे व्यवसायों की क्षमता को मजबूत करना, लघु व्यवसाय उद्यमशीलता की पहल करना और रुझान उत्पन्न करना भी होगा।
  • शंघाई सहयोग संगठन की स्थापना वर्ष 2001 में हुई थी और भारत ने 2017 में इसका सदस्य देश बनने से पहले 2005 में एक पर्यवेक्षक राष्ट्र के रूप में इसके साथ अपना जुड़ाव शुरू किया था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 17 सितंबर 2021 को दुशांबे में पहली बैठक के दौरान, अपने विकास कार्यक्रमों में डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने के भारत के अनुभव के बारे में चर्चा की और अन्य एससीओ सदस्य देशों के साथ ओपन-सोर्स समाधान साझा करने की पेशकश की।
  • वर्तमान वैश्विक राजनीतिक गतिविधियों के बीच, भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाउड कंप्यूटिंग, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन मैनेजमेंट, डेटा एनालिटिक्स और रोबोटिक्स जैसे क्षेत्रों की मांग में वृद्धि देख रहा है।
  • इसने उच्च स्तर के संज्ञान और सामाजिक-भावनात्मक कौशल की मांग में वृद्धि की है, जिससे श्रमिकों को पर्याप्त कौशल, अपस्किलिंग और रीस्किलिंग के माध्यम से अपनी वास्तविक क्षमता का दोहन करने के लिए प्रेरित किया गया है।
  • परिणामस्वरूप, नई शिक्षा, कौशल और उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में बड़े पैमाने पर डिजिटलीकरण के प्रयास किए जा रहे हैं। स्वयं को वैश्विक कौशल केंद्र बनाने हेतु भारत विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी कार्यबल के निर्माण के लिए भी प्रतिबद्ध है।

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) क्या है ?

  • शंघाई सहयोग संगठन एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जो कि यूरेशियन राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा संगठन है, जिसका उद्देश्य संबंधित क्षेत्र में शांति, सुरक्षा व स्थिरता बनाए रखना है।
  • इसकी स्थापना 15 जून 2001 को शंघाई में हुई थी। मौजूदा समय में इसके सदस्य देशों में कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान शामिल है।
  • प्रारम्भ में इसका गठन शंघाई फाइव (Shanghai Five) के नाम से वर्ष 1996 में किया गया था, जिसमे कज़ाखस्तान, चीन, किर्गिज़स्तान, रूस और ताजिकिस्तान देश शामिल थे।
  • वर्ष 2001 में संगठन में उज़्बेकिस्तान के शामिल होने के बाद शंघाई फाइव का नाम बदलकर SCO कर दिया गया।
  • उल्लेखनीय है की  भारत और पाकिस्तान वर्ष 2017 में इसके सदस्य बने।
  • 17 सितंबर, 2021 को यह घोषणा की गई कि ईरान द्वारा SCO की पूर्णकालिक सदस्यता ग्रहण की जाएगी।

SCO के प्रमुख लक्ष्य

  • सदस्य देशों के बीच आपसी विश्वास को मजबूत करना, रक्षा, राजनीति, व्यापार, अर्थव्यवस्था, अनुसंधान, प्रौद्योगिकी और संस्कृति के साथ-साथ शिक्षा, ऊर्जा, परिवहन, पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण और अन्य क्षेत्रों में आपसी प्रभावी सहयोग को बढ़ावा देना समूह का प्रमुख उद्देश्य है।
  • क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने और सुनिश्चित करने के लिए भी SCO निरंतर प्रयास करता रहा है।

भारत कब बना इसका सदस्य

  • 2005 में भारत SCO में एक पर्यवेक्षक बनाया गया। इसके बाद 2017 में अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन के राज्य परिषद के प्रमुखों की बैठक आयोजित की गई थी।
  • इस बैठक में भारत और इस्लामिक गणराज्य पाकिस्तान को संगठन के पूर्ण सदस्य का दर्जा दिया गया।

SCO का महत्व

  • SCO, यूरेशियन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय संगठन के रूप में उभरा है। यह समूह यूरेशिया के लगभग 60% से अधिक क्षेत्रफल, वैश्विक आबादी के 40% से अधिक हिस्से और वैश्विक जीडीपी के लगभग एक-चौथाई हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है।
  • इसके सदस्य देशों में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के दो स्थायी सदस्य और चार परमाणु शक्तियां शामिल हैं, जो इसके महत्व को भली-भांति रेखांकित करते हैं।
  • यूरेशियन क्षेत्र और इसके परे भी SCO की भूमिका और महत्व को देखते हुए कहा जा सकता है कि इस संगठन में शामिल होने से भारत को दीर्घावधि में अधिक लाभ होने की संभावना है। SCO भारत को वर्तमान चुनौतियों का सतर्कतापूर्वक सामना करते हुए अपने राष्ट्रीय हितों को पूरा करने का अवसर प्रदान करता है।

Source - PIB

Nirman IAS (Surjeet Singh)

Current Affairs Author