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कृषि को स्मार्ट और आधुनिक बनाने का आग्रह

26 Feb, 2022

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में आम बजट में कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के प्रावधानों पर आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री द्वारा भारतीय औद्योगिक घरानों से भारतीय मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के साथ ही कृषि क्षेत्र को आधुनिक व स्मार्ट बनाने हेतु आगे आने का आग्रह किया गया।

मुख्य बिंदु :-

  • खाद्य तेलों और दालों का आयात कम करने हेतु उद्योग जगत को इन आवश्यक खाद्य पदार्थों का घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए आगे आकर किसानों की मदद करनी चाहिए।
  • सिंचाई क्षेत्र में नवाचारों की दृष्टि से 'पर ड्राप मोर क्राप' में व्यापार जगत के लिए बहुत संभावनाएं हैं। मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना में 'स्टार्ट अप' और निजी क्षेत्र से नियमित अंतराल पर मिट्टी की जांच की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए आगे आना होगा।
  • पीएम किसान सम्मान निधि योजना से 11 करोड़ किसानों को लगभग पौने दो लाख करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। कृषि ऋण में भी सात सालों में ढाई गुना की बढ़ोतरी की गई है।
  • कृषि और बागवानी में आधुनिक प्रौद्योगिकी किसानों को उपलब्ध कराने, खाद्य तेल के आयात को कम करने के लिए मिशन आयल पाम को सशक्त करने, खेती से जुड़े उत्पादों के परिवहन के लिए पीएम गति-शक्ति प्लान द्वारा नई व्यवस्थाएं बनाए जाने, कृषि कचरा प्रबंधन को अधिक संगठित करने और वेस्ट टू एनर्जी' के उपायों से किसानों की आय बढ़ेगी।
  • छोटे किसानों को लाभ देने के लिए सूक्ष्म सिंचाई तंत्र को मजबूत किया गया है। कृषि विज्ञान केंद्र से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक-एक गांव गोद लेकर प्राकृतिक खेती के प्रति जागरूकता पैदा की जनि चाहिए।
  • जैविक खेती को प्रोत्साहन देने से जैविक उपज का बाजार 11 हजार करोड रुपए तक पहुंच गया है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस 21वीं सदी में खेती और खेती से जुड़े चलन को बिल्कुल बदलने वाली है।
  • आम बजट का फोकस कृषि क्षेत्र को आधुनिक व स्मार्ट बनाने पर होगा। कृषि क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में कारपोरेट सेक्टर बड़ी भूमिका निभा सकता है। कारपोरेट सेक्टर, वित्तीय संस्थानों, स्टार्ट-अप्स और टेक्नोलाजी से जुड़े क्षेत्रों में आगे आकर अपना योगदान दे सकता है।
  • आवश्यक वस्तुओं का घरेलू उत्पादन बढ़ाने और उनकी आयात निर्भरता घटाने पर जोर देते हुए कारपोरेट सेक्टर को नैनो फर्टिलाइजर की ब्रांडिंग और प्रमोशन करने  के लिए बड़ा मौका भी है।
  • बजट में कृषि को स्मार्ट और आधुनिक बनाने के सात मुख्य रास्ते सुझाए गए हैं। इनमें गंगा किनारे के दोनों छोर पर पांच किमी के दायरे में मिशन मोड में प्राकृतिक खेती की जाएगी और आधुनिक खेती के साथ ही डेढ़ लाख डाकघरों में नियमित बैंकिंग की सुविधा मुहैया कराई जाएगी।
  • आगामी वित्त वर्ष के लिए पहली फरवरी को पेश बजट में कृषि व बागवानी क्षेत्र को आधनिक टेक्नोलाजी उपलब्ध कराने का प्रविधान किया गया है। खाद्य तेलों का आयात घटाने के लिए तिलहनी फसलों की खेती पर विशेष जोर दिया जाएगा।
  • पीएम गति शक्ति प्लान के तहत खेती से जुड़े उत्पादों के परिवहन की व्यवस्था की जाएगी। एग्रीकल्चर वेस्ट मैनेजमेंट को व्यवस्थित किया जाएगा, जिससे किसानों की आमदनी को बढ़ाया जा सके। कृषि क्षेत्र में कुशल मानव संसाधन के लिए अनुसंधान और कृषि शिक्षा के पाठ्यक्रम में जरूरी बदलाव किए जाएंगे।
  • कोरोना काल में पूरी दुनिया में भारतीय हल्दी जैसे मसाले का वैश्विक आकर्षण बढ़ा। घरेलू कृषि उत्पादों में मोटे अनाज वाली फसलों के पोषक तत्वों का प्रचार प्रसार कर उसका निर्यात बढ़ाया जा सकता है।
  • कृषि क्षेत्र में कारपोरेट सेक्टर के लिए बहुत कुछ करने की संभावनाएं हैं। खेती में लघु सिंचाई तरीकों से भी लागत घटाई जा सकती है।  फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन देने के लिए निवेशकों को आगे आने की आवश्यकता है। निवेशक को मांग और आपूर्ति की पूरी जानकारी होती है, जिसके आधार पर उनका कारोबार होता है।
  • देश में फिलहाल दलहन व तिलहन की बहुत ज्यादा मांग है। इस समय कारपोरेट सेक्टर को आगे आना चाहिए। इससे आयात को रोका जा सकता है। खाद्यान्न सेक्टर का पूरा अध्ययन होना चाहिए, ताकि मांग व आपूर्ति का पूरा ज्ञान होना चाहिए। जिसकी जरूरत हो, उसका उत्पादन भी यहीं होना चाहिए।

Source – the hindu

 

Nirman IAS (Surjeet Singh)

Current Affairs Author