सौर परिनियोजन में सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणाली हेतु बैठक
16 Feb, 2023
चर्चा में क्यों ?
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए), ग्रिड कंट्रोलर ऑफ इंडिया लिमिटेड (ग्रिड-इंडिया) और पश्चिम अफ्रीकी पावर पूल (WAPP) के सहयोग से, 14 से 18 फरवरी तक नई दिल्ली, भारत में पश्चिम अफ्रीकी क्षेत्र के प्रतिनिधियों की मेजबानी कर रहा है।
मुख्य बिंदु :-
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पांच दिवसीय आयोजन के दौरान इन देशों के साठ प्रतिभागी सौर ऊर्जा कार्यान्वयन के पहलुओं पर चर्चा करेंगे।
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तेरह WAPP देशों: बेनिन, बुर्किना फासो, कोटे डी आइवर, गाम्बिया, घाना, गिनी, लाइबेरिया, माली, नाइजर, नाइजीरिया, सेनेगल, सिएरा लियोन और टोगो के साठ प्रतिभागी जानकारी साझा करने और अध्ययन के एक दौरे में शामिल होंगे, जो सौर ऊर्जा कार्यान्वयन के पहलुओं पर प्रकाश डालेगा।
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दुनिया की सबसे बड़ी चुनौती 8 अरब लोगों को ऊर्जा तक पहुंच में सक्षम बनाना और इस प्रकार उन्हें बेहतर जीवन स्तर प्रदान करना है। इसलिए ऊर्जा की पहुंच का प्राथमिक महत्व है।
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अपनी स्थापना के बाद से आईएसए दुनिया भर के देशों के लिए सौर ऊर्जा को प्राथमिकता देने की दिशा में काम कर रहा है। आईएसए सौर परियोजनाओं के लिए अपनी मौजूदा योजनाओं को स्थापित करने, जानकारियां साझा करने और पूरी सौर मूल्य श्रंखला में क्षमता निर्माण के लिए प्रयासों को बढ़ा रहा है
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ग्रिड-इंडिया और WAPP के सहयोग से, यह कार्यक्रम मानक तय करेगा और सभी आईएसए सदस्य देशों में सोलर इकोसिस्टम को मजबूत करने में मदद करेगा। यह नीति परिवर्तन को भी गति देगा और वित्तीय और मानवीय क्षमता के निर्माण में मदद करेगा।
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देशों के बीच ज्ञान और सूचनाओं के निर्बाध आदान-प्रदान से आईएसए के सदस्य देशों और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई को काफी फायदा मिल सकता है।
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कार्यक्रम के प्रतिभागियों में भाग लेने वाले अफ्रीकी देशों के मंत्रालयों, वैधानिक, नियामक निकायों और यूटिलिटी कंपनियों के अधिकारी शामिल हैं।
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दौरे की खास बातों में नई दिल्ली और बेंगलुरु में कक्षा सत्र और चर्चा, पवागडा सोलर पार्क, दक्षिणी क्षेत्रीय लोड डिस्पैच सेंटर और दक्षिणी क्षेत्रीय नवीकरणीय ऊर्जा प्रबंधन केंद्र का दौरा शामिल है।
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कार्यक्रम का एजेंडा प्रतिभागियों को भारत में नवीकरणीय ऊर्जा परिप्रेक्ष्य में वैश्विक और भारतीय सौर ऊर्जा परिदृश्यों, नीतियों, दिशानिर्देशों और विनियमों को समझने में मदद करेगा।
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अध्ययन दौरा फरवरी और मार्च 2023 में तीन दलों में आयोजित किया जाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के बारे में:
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अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन 114 सदस्य और हस्ताक्षरकर्ता देशों का एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है। यह दुनिया भर में ऊर्जा की पहुंच और ऊर्जा सुरक्षा में सुधार के लिए सरकारों के साथ काम करता है और पर्यावरण अनुकूल भविष्य पाने के एक स्थायी तरीके के रूप में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देता है।
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आईएसए का मिशन साल 2030 तक सौर ऊर्जा क्षेत्र में 1 लाख करोड़ डॉलर का निवेश करना है, वहीं प्रौद्योगिकी और इसके वित्तपोषण की लागत को घटाना है। यह कृषि, स्वास्थ्य, परिवहन और बिजली उत्पादन क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देता है।
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आईएसए के सदस्य देश नीतियों और नियमों को लागू करके, सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करके, साझा मानकों पर सहमत होकर और निवेश जुटाकर बदलाव ला रहे हैं।
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इस कार्य के माध्यम से, आईएसए ने सौर परियोजनाओं के लिए नए व्यापार मॉडल की पहचान, डिजाइन और परीक्षण किया है; कारोबार में सुगमता लाने वाली सोलर एनालिटिक्स और सलाह के माध्यम से सरकारों को अपने ऊर्जा कानून और नीतियों को सौर-अनुकूल बनाने के लिए समर्थन दिया है; विभिन्न देशों की सौर प्रौद्योगिकी की मांग को एक साथ लाया है, जिससे लागत कम हुई है; जोखिमों को कम करके वित्त तक आसान पहुंच बनाकर क्षेत्र को निजी निवेश के लिए और आकर्षक बनाया है और सौर इंजीनियरों और ऊर्जा नीति निर्माताओं के लिए सौर प्रशिक्षण, आंकड़े और समझ तक पहुंच में बढ़ोतरी की है।
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15 देशों द्वारा आईएसए फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर और सत्यापन के साथ, 6 दिसंबर, 2017 को, आईएसए भारत में मुख्यालय वाला पहला अंतरराष्ट्रीय अंतर सरकारी संगठन बन गया।
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आईएसए बहुपक्षीय विकास बैंकों (एमडीबी), विकास वित्तीय संस्थानों (डीएफआई), निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों, नागरिक समाज और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ साझेदारी कर रहा है ताकि सौर ऊर्जा के माध्यम से खासतौर पर कम विकसित देशों में ( एलडीसी) और लघु द्वीप विकासशील क्षेत्रों (एसआईडीएस) में लागत प्रभावी और बदलाव लाने वाले हल स्थापित किया जा सके।
Source - PIB
Nirman IAS (Surjeet Singh)
Current Affairs Author