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आवारा कुत्तो पर सुप्रीमकोर्ट का निर्देश

10 Sep, 2022

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तो पर अपने एक बयान में कहा की आवारा कुत्तों को खाना खिलाने वाले ही उनकी वैक्‍सीनेशन करानी चाहिए,और अगर वे किसी को काटे तो उसके इलाज का खर्च भी उठाना होगा

मुख्य बिंदु :-

  • सुप्रीम कोर्ट ने लोगों की सुरक्षा और पशुओं के अधिकारों के बीच संतुलन बनाए रखने की बात कही है। अदालत ने सुझाव दिया कि आवारा कुत्तों को खाना खिलाने वाले लोगों को उनका टीकाकरण कराने के लिए जिम्मेदार बनाया जा सकता है। साथ ही अगर जानवर किसी पर हमला करे तो उसका खर्च भी वहन करना होगा।
  • जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस जे के माहेश्वरी की बेंट ने आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के मुद्दे पर शुक्रवार को सुनवाई की। पीठ ने कहा कि इस मसले का कोई समाधान निकालना होगा। मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस खन्ना ने कहा कि हममें से ज्यादातर कुत्ता प्रेमी हैं। मैं भी कुत्तों को खाना खिलाता हूं।
  • न्यायमूर्ति खन्ना ने अपने एक सुझाव में कहा की लोगों को कुत्तों का ख्याल रखना चाहिए, लेकिन उन्हें चिह्नित किया जाना चाहिए, चिप के माध्यम से ट्रैक नहीं किया जाना चाहिए, मैं इसके पक्ष में नहीं हूं। उन्होंने ने कहा कि आवारा कुत्तों के मुद्दे को हल करने के लिए एक तर्कसंगत समाधान खोजा जाना चाहिए।
  • एससी ने दोनों पक्षों को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। साथ ही इस मामले पर अगली सुनवाई 28 सितंबर के लिए सूचीबद्ध कर दी।
  • उल्लेखनीय है की आवारा कुत्तों को मारने पर विभिन्न नगर निकायों की ओर से पारित आदेशों को लेकर कई याचिकाएं दाखिल हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट में इन्हीं पर सुनवाई चल रही है। आवारा कुत्ते विशेष रूप से केरल और मुंबई में खतरा बन गए हैं।
  • इस याचिका में केरल में हाल ही में 12 साल की बच्ची को कुत्ते के काटने की घटना का भी जिक्र किया गया है। जबकि कुत्ते को एंटी रेबीज वैक्सीन लगी हुई थी। वकील ने कहा कि 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के पूर्व जज के नेतृत्व में कुत्तों के काटने से जुड़ीं शिकायतों से निपटने और पीड़ितों को मुआवजा दिलाने के लिए एक कमेटी का गठन किया था। वकील वीके बीजू ने कोर्ट में बताया कि पिछले 5 साल में 10 लाख लोगों को कुत्तों ने काटा है।
  • उन्होंने कोर्ट में कहा कि मजदूर, स्कूल जाते बच्चे, महिलाओं पर कुत्ते हमला कर रहे हैं। यह गंभीर मुद्दा है। खासकर गरीब तबके के लोगों को प्रभावित कर रहा है।
  • 2016 में, न्यायमूर्ति सिरी जगन आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष एक रिपोर्ट पेश की थी, इसमें कहा गया था कि आवारा कुत्तों की आबादी सार्वजनिक सुरक्षा के लिए "बहुत गंभीर खतरा" बनी रहेगी, जब तक कि इसे प्रबंधनीय स्तर तक नहीं लाया जाता।

Source – All India Radio

Nirman IAS (Surjeet Singh)

Current Affairs Author