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बाघ संरक्षण पुरस्कार

27 Jan, 2022

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में भारत के सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व को एक दशक में बाघों की संख्या दोगुना करने पर पुरस्कार प्रदान किया गया, आइये जानते है इस बारे में

मुख्य बिंदु :-

  • भारत के सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व को वर्ष 2010 के बाद टाइगरों की संख्या को दोगुना करने पर प्रतिष्ठित TX2 पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • गौरतलब है की यह रिजर्व नीलगिरि बायोस्फीयर लैंडस्केप का हिस्सा है। नीलगिरि बायोस्फीयर रिजर्व पर वर्तमान में दुनिया में टाइगरों की सबसे अधिक आबादी है।
  • वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड (WWF) इंडिया की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार ये पुरस्कार कंजर्वेशन एश्योर्ड टाइगर स्टैंडर्ड्स, फ्यूना एंड फ्लोरा इंटरनेशनल, ग्लोबल टाइगर फोरम, आईयूसीएन का इंटीग्रेटेड टाइगर हैबिटेट कंजर्वेशन प्रोग्राम,पेंथेरा, यूएनडीपी, द लॉयन्स शेयर, वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन सोसाइटी और WWF (वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर) द्वारा वितरित किए जा रहे हैं।
  • ये सभी संगठन 13 टाइगर रेंज देशों की 10वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, जो 2022 तक बाघों की वैश्विक आबादी को दोगुना करने के लिए प्रसिद्ध हैं। यह पुरस्कार राज्य सरकारों और स्थानीय समुदायों की कोशिशों के लिए दिया जाता है जिन्होंने इस नए टाइगर रिजर्व को भारत में सबसे ज्यादा आबादी वाला स्थान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • उल्लेखनीय है की सत्यमंगलम को 2013 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था और अब इस क्षेत्र में लगभग 80 बाघ हैं। नीलगिरि और ईस्टर्न घाट लैंडस्केप के बीच यह टाइगर रिजर्व महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मुदुमलाई टाइगर रिजर्व, बांदीपुर टाइगर रिजर्व और बीआर हिल्स टाइगर रिजर्व जैसे दूसरे जाने माने टाइगर हैबिटेट से अच्छी तरह जुड़ा है।
  • इरोड फॉरेस्ट डिवीजन, कोयंबटूर फॉरेस्ट डिवीजन और मलाई महादेश्वर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी जैसे आस पास के क्षेत्र भी महत्वपूर्ण टाइगर हैबिटेट के रूप में उभर रहे हैं। इससे टाइगर भोजन और नए क्षेत्र की तलाश में आसानी से एक से दूसरे स्थान पहुंच सकेंगे।
  • गौरतलब है की इस साल सितंबर में, टाइगर रेंज के देश व्लादिवोस्तोक में दूसरे ग्लोबल टाइगर समिट में महत्वाकांक्षी TX2 लक्ष्य 'बाघों की संख्या दोगुनी करना' का मूल्यांकन करने और अगले 12 सालों के लिए बाघों के संरक्षण के लिए प्राथमिकताओं को समझने के लिए जुटेंगे।

नेपाल को भी मिला पुरस्कार -

  • सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व के अलावा, नेपाल के बर्दिया नेशनल पार्क ने 2010 से अब तक बाघों की संख्या दोगुनी करने के लिए TX2 पुरस्कार जीता है। टाइगरों के संरक्षण का दूसरा पुरस्कार टाइगर कंजर्वेशन एक्सीलेंस नेपाल में खता फॉरेस्ट कंजर्वेशन एरिया को जाता है, जो नेपाल और भारत के बीच टाइगरों के सीमा पार आवागमन को सुरक्षित करता है।
  • 202 किलोमीटर तक फैले 74 कम्युनिटी फॉरेस्ट के नेटवर्क को शामिल करता हुआ, खता कॉरिडॉर जहां समुदाय-आधारित संरक्षण प्रयासों ने नेपाल में बर्दिया नेशनल पार्क और भारत में कतर्नियाघाट वाइल्डलाइफ सेंचुरी के बीच बाघों के आवागमन को सुरक्षित करता है। पिछले पांच सालों में, 46 टाइगरों को दूसरी प्रतिष्ठित और खतरनाक स्तनधारी प्रजातियों को कॉरिडॉर का इस्तेमाल करते हुए देखा गया है। इनमें एशियाई हाथी और एक सींग वाले गैंडे शामिल हैं।

क्या है TX2 ?

  • यह पुरस्कार सरकार द्वारा नामित ऐसे बाघ संरक्षण क्षेत्र को दिया जाता है, जिसने वर्ष 2010 से अब तक बाघों की आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है।
  • TX2 लक्ष्य किसी एक प्रजाति के लिए अब तक का निर्धारित सबसे महत्वाकांक्षी संरक्षण लक्ष्यों में से एक है।
  • TX2 लक्ष्य वर्ष 2022 तक विश्व में जंगली बाघों की संख्या को दोगुना करने की वैश्विक प्रतिबद्धता को प्रकट करते है।इन लक्ष्यों का निर्धारण विश्व वन्यजीव कोष (WWF) द्वारा ग्लोबल टाइगर इनिशिएटिव, ग्लोबल टाइगर फोरम और ऐसे ही अन्य महत्त्वपूर्ण प्लेटफार्मों के माध्यम से किया था।
  • इन लक्ष्यों के निर्धारण के लिये वर्ष 2010 में टाइगर रेंज कंट्रीज़ (TRC) में शामिल सभी 13 देशों की सरकारें पहली बार सेंट पीटर्सबर्ग शिखर सम्मेलन (रूस) में एक साथ आई थीं, जहाँ उन्होंने वर्ष 2022 तक बाघों की संख्या को दोगुना करने के लिये प्रतिबद्धता व्यक्त की थी।
  • उल्लेखनीय है की टाइगर रेंज कंट्रीज़ (TRC) में शामिल 13 देश - भारत, बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्याँमार, नेपाल, रूस, थाईलैंड और वियतनाम हैं।

सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व के बारे में -

  • सत्यमंगलम टाइगर रिजर्व भारत के तमिल नाडु राज्य के ईरोड ज़िले में विस्तारित एक वन्य अभयारण्य है। यह तमिलनाडु के कोयंबटूर से 88 किमी दूर है। यह एक बाघ अभयारण्य क्षेत्र है, जोकि जून, 2013 में घोषित किया गया था।
  • 2019 की जनगणना के अनुसार यहां बाघों की आबादी 80 और तेंदुए की आबादी 111 है। बाघों के अलावा यह स्थान हाथी, गौर, काले हिरन, चार सींग वाले मृग, तेंदुए, लकड़बग्घे और जंगली कुत्ते के लिए लोकप्रिय है।
  • यह नीलगिरि बायोस्फेयर रिजर्व का एक भाग है जोकि पश्चिमी और पूर्वी घाट का संरक्षित क्षेत्र है।
  • यह चार अन्य क्षेत्रों; जैसे-बिलीगीरंगी स्वामी मन्दिर वन्यजीव अभ्यारण्य, सिगूर पठार, मुदुमलाई राष्ट्रीय उद्यान और बाँदीपुर राष्ट्रीय उद्यान अभ्यारण्य के मध्य एक सम्पर्क क्षेत्र भी है। इसके अलावा यहां विभिन्न प्रकार की वनस्पतियां भी पाई जाती है।

Source – Down to Earth

 

Nirman IAS (Surjeet Singh)

Current Affairs Author