गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (यूएपीए)
18 Feb, 2023
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (यूएपीए) के अंतर्गत केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय ने एक और व्यक्ति और दो संगठनों को 'आतंकवादी'/'आतंकवादी संगठन' घोषित किया
मुख्य बिंदु :-
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आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस की नीति को आगे बढ़ाते हुए, केंद्र सरकार ने किसी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने का प्रावधान शामिल करने के लिए अगस्त, 2019 में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) में संशोधन किया था।
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इस संशोधन से पहले, केवल संगठनों को आतंकवादी संगठन घोषित किया जा सकता था।
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इस संशोधित प्रावधान को लागू करके, केंद्र सरकार ने 53 व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित किया था।
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राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और आतंकवाद का इसके सभी रूपों में मुकाबला करने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते करते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय ने आज एक और व्यक्ति और दो संगठनों को 'आतंकवादी'/'आतंकवादी संगठन' घोषित किया।
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आज एक और व्यक्ति - हरविंदर सिंह संधू @ रिंदा को आतंकवादी घोषित किया गया है। संधू आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) से जुड़ा हुआ है और वर्तमान में सीमापार एजेंसियों के संरक्षण में पाकिस्तान के लाहौर में है और उसे विशेष रूप से पंजाब में विभिन्न आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त पाया गया है।
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इस घोषणा के साथ, अब यूएपीए की चौथी अनुसूची में 54 घोषित आतंकवादी हैं।
आतंकी संगठन
केन्द्र सरकार ने यूएपीए के प्रावधानों के तहत आज दो निम्नलिखित संगठनों को भी आतंकी संगठन घोषित किया--
खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ)
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यह एक उग्रवादी संगठन है और इसका उद्देश्य पंजाब में दोबारा आतंकवाद फैलाना है और ये भारत की क्षेत्रीय अखंडता, एकता, राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता को चुनौती देता है और पंजाब में टारगेटेड हत्याओं सहित विभिन्न आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देता है।
जम्मू और कश्मीर ग़ज़नवी फोर्स (जेकेजीएफ)
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यह केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में घुसपैठ की कोशिशों, नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी और आतंकी हमलों को अंजाम देने में लिप्त पाया गया है।
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यह लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, तहरीक-उल-मुजाहिदीन, हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी आदि जैसे विभिन्न आतंकवादी संगठनों से अपने सदस्यों की भर्ती करता है।
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इन दोनों संगठनों को आतंकवादी संगठन घोषित करने के साथ अब अधिनियम की पहली अनुसूची के तहत कुल 44 घोषित आतंकवादी संगठन हैं।
गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (यूएपीए) के बारे में
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गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (यूएपीए) एक भारतीय कानून है जो एक "आतंकवादी संगठन" और "आतंकवादी" को परिभाषित करता है और भारत में व्यक्तियों और संगठनों द्वारा गैरकानूनी गतिविधियों की रोकथाम और विनियमन प्रदान करता है।
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यूएपीए के तहत, एक "आतंकवादी संगठन" को व्यक्तियों के किसी संघ या आतंकवादी गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों के निकाय के रूप में परिभाषित किया गया है।
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अधिनियम केंद्र सरकार द्वारा एक संगठन को "आतंकवादी संगठन" घोषित करने का प्रावधान करता है यदि यह मानता है कि संगठन आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है।
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अधिनियम एक "आतंकवादी" को किसी भी व्यक्ति के रूप में परिभाषित करता है जो आतंकवाद के कृत्यों में भाग लेता है या आतंकवाद के लिए तैयार करता है। अधिनियम आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के संदेह में व्यक्तियों की गिरफ्तारी और हिरासत में लेने का प्रावधान करता है और आतंकवाद के संबंध में उपयोग की गई संपत्ति को जब्त करने का प्रावधान करता है।
Source - PIB
Nirman IAS (Surjeet Singh)
Current Affairs Author