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विश्व हाथी दिवस

13 Aug, 2022

चर्चा में क्यों ?

'वर्ल्ड एलिफेंट डे' यानी विश्व हाथी दिवस हर साल 12 अगस्त को मनाया जाता है।

मुख्य बिंदु :-

  • विश्व हाथी दिवस की शुरूआत 12 अगस्त 2012 को हुई थी। हाथी दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य पूरी दुनिया के हाथियों के प्रति जागरूकता और उनके संरक्षण को बढ़ावा देना है। हाथी को राष्ट्रीय विरासत पशु भी घोषित किया जा चुका है। ऐसे में हाथियों को संरक्षण करना हर नागरिक का कर्तव्य है।
  • विश्व हाथी दिवस हाथी दांत के लिए अवैध शिकार और व्यापार को रोकने के लिए प्रवर्तन नीतियों में सुधार, हाथियों के आवास का संरक्षण, बंदी हाथियों के लिए बेहतर उपचार प्रदान करने और अभयारण्यों में कुछ बंदी हाथियों को फिर से पहुंचाना शुरू करने सहित हाथियों की मदद करने के लिए विभिन्न संरक्षण नीतियों का समर्थन करने के लिए विभिन्न हितधारकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए मनाया जा रहा है।
  • भारत में हाथियों की गिनती आखिरी बार 2017 में हुई थी। उस वक्त भारत में हाथियों की कुल संख्या 30 हजार थी, पर साल दर साल यह संख्या घटते जा रही है। जो बड़ी चिंता का विषय है।
  • इस वर्ष केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे तथा केरल के वन और वन्यजीव मंत्री श्री ए.के. शशिंद्रन और कई अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थिति में केरल के पेरियार में विश्व हाथी दिवस - 2022 मनाया गया।
  • केंद्रीय मंत्री ने "भारत के हाथी अभयारण्य: एक एटलस", "भारत के हाथी अभयारण्य: भूमि उपयोग भूमि आच्छादन वर्गीकरण", "हाथियों की देखभाल: कैद में स्वास्थ्य और कल्याण का प्रबंधन" और "ट्रम्पेट" का विशेष संस्करण जारी किया।
  • हाथी परियोजना के 30 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में, सभी गणमान्य व्यक्तियों द्वारा भारत में हाथी संरक्षण पर एक पोस्टर जारी किया गया।
  • माननीय मंत्री द्वारा की गई पहल में पहली बार गज गौरव पुरस्कार स्थानीय समुदायों, फ्रंटलाइन स्टाफ और जमीनी स्तर पर काम कर रहे महावतों के सराहनीय प्रयासों के लिए जंगली और कैद में हाथियों के संरक्षण के लिए प्रदान किया गया था। इस वर्ष तमिलनाडु के अनामलाई से संबंधित मालासर समुदाय और केरल तथा असम के महावतों को केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री द्वारा गज गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • "हाथी के साथ रहना" विषय पर आयोजित कई प्रतियोगिताओं के लिए स्कूली छात्रों को पुरस्कार भी दिए गए। इस अवसर पर अपने संबोधन में, केंद्रीय मंत्री ने दोहराते हुए कहा कि हाथियों के साथ हमारा जुड़ाव प्राचीन, मूल्यवान और पूजनीय है। उन्होंने कहा कि हाथी हमारे वन्यजीवों और जैव विविधता के निर्वाह के लिए भी महत्वपूर्ण हैं और भारत इस विशालकाय जीव के संरक्षण को उच्च प्राथमिकता देता है।
  • श्री भूपेंद्र यादव ने उपस्थित लोगों को बताया कि भारत में एशियाई हाथियों की सबसे बड़ी और सबसे स्थिर आबादी है। वास्तव में, 60 प्रतिशत से अधिक जंगली एशियाई हाथी भारत में हैं। 2017 में आयोजित अंतिम हाथियों की गणना में दर्ज 29,964 हाथियों की आबादी भारतीय संस्कृति में निहित वन्यजीव संरक्षण के जुनून के परिमाण को दर्शाती है।
  • केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में 31 हाथी अभयारण्य हैं। पिछले 3 वर्षों में, कर्नाटक राज्य द्वारा दांदेली हाथी अभयारण्य, नगालैंड द्वारा सिंगफन हाथी अभयारण्य और छत्तीसगढ़ में लेमरू हाथी अभयारण्य को अधिसूचित किया गया है। इसने भारत में हाथी अभयारण्य के तहत कुल क्षेत्रफल को देश के 14 राज्यों में लगभग 76,508 वर्ग किमी में ला दिया है।
  • उन्होंने यह भी कहा कि भारत तमिलनाडु में एक और हाथी अभयारण्य - अगस्त्यमलाई की स्थापना करने जा रहा है, जिसमें भारत में हाथियों के संरक्षण और रक्षण के लिए समर्पित एक और 1197 वर्ग किमी संरक्षित क्षेत्र शामिल है।

एशियाई हाथी के बारे में -

  • एशियाई हाथियों को संकटग्रस्त प्रजातियों की आईयूसीएन रेड लिस्ट में "लुप्तप्राय" प्राणियों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि भारत को छोड़कर अधिकांश रेंज वाले निवास स्थान और अवैध शिकार आदि के नुकसान के कारण अपनी व्यवहार्य हाथी आबादी खो दी है। मौजूदा समय में हाथियों की संख्या के अनुमान से संकेत मिलता है कि दुनिया में लगभग 50,000 से 60,000 एशियाई हाथी हैं। भारत में इन हाथियों की लगभग 60 प्रतिशत से अधिक संख्या निवास करती है।
  • गुजरात के गांधी नगर में फरवरी 2020 में सीएमएस-13 के पक्षों के प्रवासी प्रजातियों के हाल ही में संपन्न सम्मेलन के परिशिष्ट-I में भारतीय हाथी को भी सूचीबद्ध किया गया है।
  • विश्व हाथी दिवस विभिन्न हितधारकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए मनाया जा रहा है। हाथीदांत के लिए हाथियों के अवैध शिकार और व्यापार को रोकने के लिए प्रवर्तन नीतियों में सुधार, हाथियों के आवासों का संरक्षण, कैद हाथियों के लिए बेहतर उपचार प्रदान करना और कुछ बंदी हाथियों को अभयारण्यों में फिर से वापस लाना शामिल है।
  • हाथी भारत का स्वाभाविक तौर पर एक विरासत जीव है और भारत में भी हाथियों की प्रजातियों के संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए इस दिन कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

Source - PIB

Nirman IAS (Surjeet Singh)

Current Affairs Author