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विश्व वन्यजीव दिवस

05 Mar, 2022

चर्चा में क्यों ?

प्रतिवर्ष 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस मनाया जाता है।

मुख्य बिंदु :-

  • 20 दिसंबर 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने 68वें सत्र में 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस घोषित किया था।
  • दुनियाभर से लुप्त हो रहे वन्य जीवों और जंगली फल-फूलों के अंतरराष्ट्रीय ट्रेड को प्रतिबंधित करने के लिए 3 मार्च 1973 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए थे। विश्व वन्यजीव दिवस के द्वारा हर साल अलग-अलग विषय के माध्यम से लोगों में जागरूकता फैलाई जाती है।
  • संयुक्त राष्ट्र विश्व वन्यजीव के रूप में दुनिया के जंगली जानवरों और पौधों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और मनाने का दिन है।
  • वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) सचिवालय को संयुक्त राष्ट्र कैलेंडर पर वन्यजीवों के लिए इस विशेष दिन के रूप में नामित किया है।

कैसे हुई विश्व वन्यजीव दिवस की शुरुआत?

  • दुनियाभर से गंभीर रूप लुप्त हो रहे जंगली फल-फूलों के अंतरराष्ट्रीय ट्रेड पर रोक लगाने के लिए 3 मार्च 1973 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए थे।
  • इसी दिन को 20 दिसंबर 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने 68वें सत्र में 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस घोषित किया था।
  • इसी चलते 3 मार्च 2014 को पहला विश्व वन्यजीव दिवस मनाया गया था।
  • गौरतलब है की वन्य जीवों को विलुप्त होने से रोकने हेतु पहली बार साल 1872 में जंगली हाथी संरक्षण अधिनियम (वाइल्ड एलीफेंट प्रिजर्वेशन एक्ट) पारित हुआ था।

साल 2022 विश्व वन्यजीव दिवस की थीम

  • हर साल इस दिन को एक थीम के साथ मनाया जाता है। थीम के माध्यम से प्रकृति से विलुप्त हो रहे जीव, प्रजातियों और अन्य प्राकृतिक वस्तुओं का संरक्षण करने के लिए लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा यह थीम जारी की जाती है। विश्व वन्यजीव दिवस 2022 की थीम है- पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली के लिए प्रमुख प्रजातियों को पुनर्प्राप्त करना (Recovering Key Species For Ecosystem Restoration).
  • विश्व वन्यजीव दिवस 2022 वर्चुअल ग्लोबल इवेंट: 2022 का उत्सव ऑनलाइन आयोजित किया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों, संयुक्त राष्ट्र प्रणाली संगठनों और बहुपक्षीय पर्यावरण समझौतों, सिविल सोसाइटी और निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों को एक साथ चर्चा की जाएगी तथा उन्हें  एक साथ लाने की कोशिश होगी।
  • यह दिन जंगली जीवों और वनस्पतियों की कुछ सबसे गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण की स्थिति पर ध्यान आकर्षित करने और उनके संरक्षण के लिए समाधानों को खोजना और उन्हें लागू करने की दिशा में चर्चा करने का प्रयास होगा।
  • सभी बातचीत संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों 1 (गरीबी नहीं), 2 (शून्य भूख) 12 (स्थायी खपत और उत्पादन पैटर्न सुनिश्चित करें), 13 (जलवायु कार्रवाई) 14 (पानी के नीचे जीवन) और 15 (भूमि पर जीवन) की उपलब्धि की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को आगे बढ़ाना है।

उद्देश्य

  • इस दिवस को मनाने का उद्देश्य बहुत ही साफ है कि दुनियाभर में जिस भी वजहों से वन्यजीव और वनस्पतियों लुप्त हो रही हैं उन्हें बचाने के तरीकों पर काम करना। पृथ्वी की जैव विविधता को बनाए रखने के लिए वनस्पतियां और जीव-जंतु बहुत जरूरी हैं। लेकिन पर्यावरण के असंतुलन और तरह-तरह के एक्सरपेरिमेंट्स के कुछ सारे जीव और वनस्पतियों का अस्तित्व खतरे में है।

कई प्रजातियां गंभीर रूप से संकटग्रस्त -

  • इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) रेड लिस्ट, खतरे वाली प्रजातियों के आंकड़ों के अनुसार, जंगली जीवों और वनस्पतियों की 8,400 से अधिक प्रजातियां गंभीर रूप से संकटग्रस्त हैं। जबकि 30,000 से अधिक को लुप्तप्राय या खतरे में है। इन अनुमानों के आधार पर, यह सुझाव दिया जाता है कि दस लाख से अधिक प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा बना हुआ है।
  • प्रजातियों, आवासों और पारिस्थितिकी तंत्र के निरंतर नुकसान से इंसानों सहित पृथ्वी पर सभी तरह के जीवन को खतरा है। हर जगह लोग भोजन से लेकर ईंधन, दवाओं, आवास और कपड़ों तक हमारी सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए वन्य जीवन और जैव विविधता-आधारित संसाधनों पर निर्भर हैं। लाखों लोग अपनी आजीविका और आर्थिक अवसरों के स्रोत के रूप में प्रकृति पर भी भरोसा करते हैं।
  • 2022 में, विश्व वन्यजीव दिवस इसलिए सबसे गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियों की फिर से बहाली, उनके आवासों और पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली करने और मानवता द्वारा उनके स्थायी उपयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता को आगे बढ़ाएगा।

Source – Down to Earth

 

Nirman IAS (Surjeet Singh)

Current Affairs Author